नई दिल्ली : सोनम वांगचुक के नाम से हिमालय के इस पार शायद कम ही लोग परिचित हैं. लेकिन हिमालय के उस पार लद्दाख में ये नाम सबकी ज़ुबां पर है. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर सोनम वांगचुक ने लद्दाख के सूखे और सर्द रेगिस्तान को नखलिस्तान बनाने का सपना देखा है, लद्दाख के बच्चों की शिक्षा के लिए एक आंदोलन खड़ा किया है और पर्यावरण को बचाने का बीड़ा उठाया है. Students' Educational and Cultural Movement of Ladakh (SECMOL) के ज़रिये उनका ये सफ़र नई ऊंचाइयां तय कर रहा है.
दरअसल इस एक शख़्स के भीतर कई शख़्सियत मौजूद हैं. जिन लोगों ने फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ देखी है, उन्हें बताना ज़रूरी है कि आमिर ख़ान का किरदार फुंसुक वांगड़ू दरअसल सोनम वांगचुक से ही प्रेरित है. तीक्ष्ण बुद्धि और सकारात्मक सोच वाले इस नौजवान की नायाब कल्पना – ‘आर्टिफिशियल ग्लेशियर’ ने जिस तरह आकार लिया है उससे लद्दाख में खेती के लिए ज़रूरी समय पर पानी की उपलब्धता का रास्ता खुल रहे है. इस शानदार प्रयोग को सोनम ने नाम दिया है – Ice Stupa यानी बर्फ़ का स्तूप. इस नायाब कोशिश के लिए उन्हें इस साल प्रतिष्ठित Rolex Award for Enterprise के लिए चुना गया. 15 नवंबर को लॉस एंजिल्स के मशहूर डॉल्बी थिएटर में दुनिया की जानी मानी शख़्सियतों के बीच उन्हें चार अन्य लोगों के साथ इस वैश्विक सम्मान से नवाज़ा गया. पुरस्कार में मिलने वाली एक लाख स्विस फ्रैंक की राशि का इस्तेमाल वो शिक्षा के क्षेत्र में एक नए प्रयोग एक वैकल्पिक यूनिवर्सिटी की स्थापना में करेंगे.