।
नई दिल्ली:गरबा देखने के लिए लोग पूरी दुनिया से गुजरात आते हैं। बस इतना ही नहीं एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल दशहरे पर गुजरात के लोग 65 से 70 करोड़ का जलेबी-फाफड़ा खा जाते हैं। केवल इस साल ही अकेले अहमदाबाद में 700 एनआरआई और 250 विदेशी टूरिस्ट पहुंचे हैं। गुजरात के गरबा बिजनेस पक ख़ास रिपोर्ट...
दो हज़ार करोड़ का पूरा गरबा
गरबा केवल उत्साह और आस्था का ही मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़े बिजनेस के रूप मे सामने आया है। 9 दिन के त्यौहार का कुल बिजनेस करीब 2 हज़ार करोड़ का होता है। इसके अलावा मेन्टेनेंस का खर्च, जूते, कपड़े, ज्वेलरी, खाने पीने का कारोबार आदि मिलाया जाए तो 9 दिनों में करीब 2000 करोड़ का बिजनेस किया जाता है। बताया यह भी गया कि इस बाक बाकिश के चलते टिकट की बिक्री 25% ही रही वरना बिजनेस 3 गुना होता। केवल दशहरे में वहां पर लोग 65 से 70 करोड़ की जलेबी और फाफड़ा खा जाते हैं।
120 करोड़ का चणिया-चोली मार्केट
अहमदाबाद में रानी का हजीरा, लॉ-गार्डन और नेहरू नगर में चणिया-चोली का बाजार लगता है। पूरे गुजरात में ये आंकड़ा 120 करोड़ को पार कर जाता है। कच्छ की कढ़ाई-बुनाई और सौराष्ट्र के ग्रामीण कपड़े की बहुत ज़्यादा मांग देखी जाती है। सादा चणिया-चोली की कीमत भी 2500 से 3000 हजार तक होती है। सबसे ज़्यादा इसकी ख़रीदी विदेशी टूरिस्ट इसे ख़रीदते हैं। मेकअप में भी लगभग 55 लाख रुपए का खर्च किया जाता है। छोटे ब्यूटी पॉर्लर से लेकर बड़े पॉर्लर तक हर जगह पूरे नवरात्र में हमेशा ही बुकिंग रहती है। ज़्यादतर पार्लर पैकेज के ज़रिये प्रीबुकिंग की व्यवस्था चलाते हैं। जिससे उन्हें बारिश के बावजूद भी नुकसान नहीं हुआ।