नई दिल्लीः चुनाव जीतने की लालसा में भाजपा अपने ही रोडमैप से भटकती दिख रही है। कितने हैरत की बात है। यूपी में बेटी के सम्मान की लड़ाई छेड़ने वाली भाजपा को छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी बस्ती के कांग्रेसी विधायक संजय जायसवाल को गले लगाने से भी गुरेज नहीं है। यानी न कोई नियम न सिद्धांत। बस एक ही मकसद-किसी तरह चुनाव में वोट हासिल हो सके।
लखनऊ में पीसीएस की तैयारी करने वाली छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी विधायक को पार्टी में शामिल होन से बस्ती के पार्टी पदाधिकारी खासे नाराज हैं। करीब दो दर्जन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने संजय
जायसवाल को पार्टी में लिए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है। कुछ वोटों की लालच में संजय को पार्टी में शामिल करने का फैसला भाजपा को कहीं चुनाव में भारी न पड़ जाए। उसे लेने के देने भी पड़ सकते हैं।
आरोप-बेटी के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे और दुष्कर्मी को पार्टी में ले रहे
भारतीय जनता युवा मोर्चा के बस्ती जिलाध्यक्ष जिप्पी शुक्ला शुक्ला ने कहा है कि पार्टी यूपी में बेटी के सम्मान की लड़ाई लड़ रही है। मगर दुष्कर्म के आरोपी को पार्टी में लेकर आखिर जनता को क्या संदेश देना चाहती है। शुक्ला ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं को जायसवाल का पार्टी में आना कतई मंजूर नहीं है।
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के कारण कांग्रेस संजय को पार्टी से निकाल भी चुकी है।
आजमगढ़ की महिला ने दुष्कर्म का किया है केस
दरअसल आजमगढ़ की छात्रा ने आरोप लगाया था कि अक्टूबर 2013 में पीसीएस की तैयारी करने के दौरान लखनऊ में उसकी मुलाकात संजय प्रताप जायसवाल से हुई। संजय ने अपने को विधायक बताते हुए नौकरी लगाने का झांसा दिया था। बाद में उन्होंने खुद को अविवाहित बताकर 11 अक्टूबर 2013 को शादी का झांसा दिया और शादी का अनुबंध पत्र तैयार किया।शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए। जब पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो छात्रा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हजरतगंज थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज लिखने का निर्देश दिया।