छत्तीसगढ़ का आदिवासी हीरो टाइगर बॉय चेंदरू मंडावी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत्-शत् नमन......
नारायणपुर गड़बेंगाल के निवासी चंदरु की कहानी छत्तीसगढ़ का टाइगर बॉय चेंदरु जिसने जल, जंगल, जमीन को अपने आत्म में बसा रखा था, जैसे आम जीवन में हमारे कई मित्र होतें हैं वैसे ही चंदरु का सबसे प्रिय मित्र एक बाघ था, 60 के दशक में चेंदरु और बाघ की दोस्ती के खूब चर्चे थे, चंदरु ने छत्तीसगढ़ की ओर देश-विदेश का खूब ध्यान खींचा।
बाघ के साथ चेंदरू की मित्रता इतनी गहरी थी कि दोनों साथ में ही खाते, घुमते और खेलते थे। इन दोनों की दोस्ती की जानकारी धीरे-धीरे पुरी दुनिया में फैल गयी। स्वीडन के ऑस्कर विनर फिल्म डायरेक्टर आर्ने सक्सडॉर्फ ने चेंदरू पर फिल्म बनाने की सोची और पूरी तैयारी के साथ बस्तर पहुंच गए। उन्होंने चेंदरू को ही फिल्म के हीरो का रोल दिया और यहां रहकर दो साल में शूटिंग पूरी की। 1957 में फिल्म रिलीज हुई, एन द जंगल सागा जिसे इंग्लिश में दि फ्लूट एंड दि एरो के नाम से जारी किया गया।
फिल्म के रिलीज होने के बाद चेंदरू को भी स्वीडन और बाकी देशों में ले जाया गया। उस दौरान वह महीनों विदेश में रहा । चेंद को आर्ने सक्सडॉर्फ गोद लेना चाहते थे लेकिन उनकी पत्नी एस्ट्रीड से उनका तलाक हो जाने के कारण ऐसा हो नहीं पाया। एस्ट्रीड एक सफल फोटोग्राफर थी, फ़िल्म शूटिंग के समय उन्होंने चेंदरू की कई तस्वीरें खीची और एक किताब भी प्रकाशित की चेंदरू द बॉय एंड द टाइगर ।
18 सितम्बर 2013 में लम्बी बीमारी से जूझते हुए इस गुमनाम हीरो की मौत हो गयी ।
नारायणपुर के हीरो टाइगर बॉय चेमरू को उनकी पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।