नई दिल्ली: अम्मा के बाद अब चिनम्मा होंगी तमिलनाडु की अगली मुख्यमंत्री, मौजूदा सीएम पन्नीरसेल्वम के दिन पूरे तरह रे पूरे हो गए हैं. एआईएडीएमके की महासचिव वी के शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. दरअसल, एआईएडीएमके पार्टी में उपजे सत्ता विवाद को सुलझाना चाहता है. पार्टी दफ़्तर में हुई मीटिंग में सीएम पनीरसेल्वम द्वारा शशिकला को विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव दिया गया जिसके बाद इसे स्वीकार कर लिया गया.
जैसे किसी सेना का तख्तापलट
जयललिता की भतीजी दीपा माधवन ने शशिकला की संभावित ताजपोशी पर टिप्पणी करते हुए इसे सेना के तख्तापलट से तुलना की है. दीपा ने कहा कि इस बात की उम्मीद काफी पहले से थी. अपनी निजी राय व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'दीपा तमिलनाडु का एक हिस्सा है. तमिलनाडु के लोग यह फैसला स्वीकार नहीं करेंगे. तमिलनाडु के लोगों के लिए ऐसी बुरी स्थिति की कल्पना नहीं की थी. यह बहुत ही गलत निर्णय होगा बिल्कुल सेना के तख्तापलट जैसा. वे लोकतांत्रिक ढंग से चुन कर नहीं आई हैं.'
झगड़ा निपटाना चाहती है पार्टी
सूत्रों के मुताबिक, AIADMK पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के देहांत के बाद पार्टी में उपजे सत्ता के दो केंद्रों का विवाद खत्म करना चाहती है. पार्टी इसके लिए अब शशिकला को सीएम बनाकर विवाद हल करना चाह रही है. आपको बता दें कि शशिकला राज्य की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की काफी करीबी सहयोगी थीं और उनके समर्थक भी इसी तर्क का हवाला देकर उन्हें सीएम पद का असल हकदार बताते हैं.
पन्नीरसेल्वम के कतरे पर
उधर पन्नीरसेल्वम के करीबी माने जाने वाले कई नौकरशाहों के हटाए जाने से भी मौजूदा मुख्यमंत्री के पर कतरे जाने का संकेत मिलता है. ऐसी ही अधिकारी शीला बालकृष्णन हैं, उन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वे तमिलनाडु सरकार की सलाहकार थीं और बीमारी की वजह से जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्होंने ही राजकाज संभाला था. इसके अलावा मुख्यमंत्री के दो सचिव के एन वेंकटारमन और ए रामालिंगम ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.