उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया म
भारत से पाँच हज़ार किलोमीटर दूर तारीख 9 सितम्बर 1828 जगह रूस एक लेखक का जन्म हुआ। जिसने अपनी लेखनी को बुलंदी पे पहुचाया जिनकी रचनाओं को सम्राट मुँशी प्रेमचंद ने हिंदी अनुवादित किया, जिससे गाँधी ने पत्
आज का विषय है कॉफी और दोस्ती। इस विषय पर बात करने से पहले बताती चलूँ कि हमें तो बचपन से ही चाय का चस्का है। क्योंकि बचपन से ही देखते आये कि घर आये मेहमान हो या नाते-रिश्तेदार जब तक उन्हें चाय-पानी नही
4/9/2022प्रिय डायरी, आज कल शीर्षक पढ़कर कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या लिखे। पुस्तक प्रतियोगिता पूर्ण होने पर आगे पाठक कैसे बढ़ते हैं। जब तक ल
इंसान का मन कभी अपने आप विचलित नहीं होता है, इंसान को विचलित करने वाला खुद इंसान ही होता है, कोई अच्छे संस्कारों में जीता है,कोई गलत संगति में जो गलत संगत में होते है, अच्छे के साथ बात
मेरे बहुत से दोस्त है, कुछ लंगोटिया यार मतलब बचपन के दोस्त , कुछ स्कूल फ्रेंड , और कुछ कॉलेज फ्रेंड. इन्हीं कि तरह एक वर्ग है जो है मेरे कॉफी फ्रेंड. कॉफी का और हम दोस्तों का ऐसा कनेक्शन है कि जै
कहते हैं ना , आप आये कभी हमारे स्थान पर एक कप कॉफी पर , एक कप कॉफी पर बहुत कुछ हो सकता है। हालांकि यहां मेरा मतलब युवाओं की रोमांटिक डेट से नहीं है, बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बिताया हुवा कुछ म
प्यार की शुरुआत थी वो पहली हमारी कॉफी डेट, माना शुरू शुरू में दोस्ती थी फिर मुलाकातें हुईं, और कब हमारी बातो की मिठास हमारे जीवन को महका गई, पहले कॉफी डेट पर घंटों बतराते थे, अब जीवनभर साथ रहने की कसम
डॉली की फ़िल्टर कॉफी पूरे अपार्टमेंट में मशहूर थी। उसका मित्र डेविड तो रोज शाम को फ़िल्टर कॉफी के बहाने मिलने आता था। डॉली को भी उससे मिलना अच्छा लगता था। आखिर वह इकलौता शक्स था जो हमेशा डॉली की तारीफ