पद्यात्मक, कविता के माध्यम से अनमोल काव्य लेखन संग्रह
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सदा ही लहराता रहे ये तिरंगा हमारा सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा गूंज उठता हैं जहां में चारो ओर….. लोगो की जुबान से वन्दे मातरम का नारा वतन की सर बुलंदी के लिए ये दिल क्या ख़ुशी ख़ुशी मिट
बिछड़न......... जब अगले साल यही वक़्त आ रहा होगा... ये कौन जानता है कौन किस जगह होगा... तू मेरे सामने बैठा है और मैं सोचता हूँ... के आते लम्हों में जीना भी इक सज़ा होगा... यही जगह जहाँ हम
मोहब्बत... हसीन सफर है संग तू अगर है, मत पूछ मोहब्बत हमे किस क़दर है... पल पल हर पल बस तेरी फ़िक्र है, जहां भी देखूं बस तेरा जिक्र है... दवा - ए - इश्क़ जो दी तूने हर दर्द अब बे असर है,
चाहतचाहत *मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है,* *ये दुनिया ख़ूबसूरत हो गई हैं,* *ख़ुदा से रोज तुम को माँगता हूं,* *मेरी चाहत इबादत हो गई है,* *वो चेहरा चाँद है आँखें सितारे,* *ज़मी फूलों
सुकून... जिसे तुम चाहते हो, वो किसी और का भी हो सकता है, सुकून समझो जिसे, वो कहर भी हो सकता है, अपना समझो जिसे, वो सपना भी हो सकता है, इश्क़ की दुनिया है जनाब, यहाँ कुछ भी हो सकता है...
इश्क़इश्क़ तू मेरा नहीं है इस बात का , मुझे अब मलाल नहीं है। दिल पहले बहुत दुखता था , अब दिल का वो हाल नहीं है। इंतिज़ार में गुज़रे थे मौसम , अब वो महीना वो साल नहीं है। जाना है जादू
लफ्ज़... कई बार लफ्ज़ ख़ामोश हो तो आंखे बोलने लगती है, मगर इसका मतलब ये नहीं कि संस्कार हिन हो बड़े बुजुर्गो का सम्मान हो इसलिए कभी आंखे बाते करती है बड़े बुजुर्ग भी घर में प्रवेश करते है। एक स
पहचान... किसी की अगर सही पहचान करनी हो तो उसके लिए गए अभिवादन से करो कि इन्सान कितना सच्चा ओर संस्कारी है, किसी के सामने झुकने का मतलब ये कतई नहीं की इन्सान छोटा है बल्कि इन्सान की विनम्रता और उसके
हैसियत... इन्सान को दिखावा उतना ही करना चाहिए जितनी उसकी हैसियत हो दूसरो को देखकर कभी अपना वजूद नहीं खोना चाहिए, दुनिया में बहुत से परिवार ऐसे जो संस्कार ओर सभ्यता के नाम पर सिर्फ दिखावा करते है,
प्रेम... प्रेम किसी व्यक्ति से नहीं होता, प्रेम व्यक्तित्व सें होता है... इंसान कि अच्छाई सें होता है, किसी कि बातों सें जब मन को खुशी मिलती है... किसी की परवाह आपको ख
व्यवहार... इंसान का व्यवहार भी बड़ा अजीब होता है, कभी अपना नहीं देखता तो कभी पराया नहीं देखता, पर असल में तो इन्सान दोगला होता है, जो कड़वा बोलता है, सच का साथ देता लोगो को आजकल बर्दास्त नही
रंगो से भरी इस दुनिया में, रंग रंगीला त्योहार है, होली गिले शिकवे भुलाकर, खुशियां मनाने का त्योहार है, होली रंगीन दुनिया का, रंगीन पैगाम है, होली हर तरफ, यहीं धूम है मची, “बुरा ना मानो
बुझ जाए शमा तो जल सकती है कश्ती तुफां से निकल सकती है बुझ जाए शमा तो जल सकती है कश्ती तुफां से निकल सकती है मायुस ना हो अपने इरादे न बदल तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है मायुस ना हो अपने इरा
इलाइची खाओ, हाइपर टेंशन मिटाओ हाइपर टेंशन के रोग में, रोज इलाइची खाओ खानपान बदलकर, इसको नियन्त्रण में लाओ जंक फूड और नमक खाना, कर दो पूरा बन्द घर के पौष्टिक भोजन प्रति, रहो सदा पाबन्द छोड़कर
प्रताप का शौर्य प्रताप का सिर कभी नहीं झुका, इस बात से अकबर भी शर्मिंदा था, मुगल कभी चैन से सो न सके, जब तक मेवाड़ी राणा जिन्दा था, इकबाल था बुलंद, उसे धूल कर दिया, मद जिसका था प्रचंड, सारा दूर
इक सहमी सहमी सी आहट है, इक महका महका साया है, ये एहसास तुम्हारी मोहब्बत का, ना जाने क्या रंग लाया है, ए यार सनम कुछ तू ही बता, तू मुझे इतना क्यों भाया है, ये दिल प्रेम खोज में निकला था,
धोखा... जिंदगी ने इतने धोखे दिए हैं की यकीन करने में डर लगता है दिल बहुत कमज़ोर है हमारा ये कहीं फिर से टूट न जाए ये दुनियां अपना बना के दगा देती है कहीं फिर से भरोसा टूट न जाए हमने रस्
किसी को पता ही नहीं जाना कहां है और कहां जा रहे हैं... "धरमा" इतनी भीड़ है शहर में खो जाने का डर लगा रहता है इसलिए तो मैंने जंजीर बांध ली खुद को बेटे के साथ क्या करते हैं दोनों में एक भी खो जात
किसी जानवर से टकराकर क्षतिग्रस्त हुई वंदे भारत ट्रेन की कुछ तस्वीरें कुछ राजनेताओं द्वारा ट्वीट कर भारत की made in India पालिसी का मजाक उड़ाया गया।कल को तेजस के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो भी मुझे यकीन
सभी का तहेदिल से आभार... कौन समझाए बेसबब संसार को मैं बखूबी निभाता हूं किरदार को जीतने की नहीं होड़ में शामिल मैं हंस के स्वीकारता हूं निजी हार को प्रेम सौहार्द से हो भरी जिंदगी छोड़
कांटे नहीं पत्ते बने... कांटे बनकर क्या फ़ायदा... जो हमेशा बस चुभें... बनना है तो पत्तों की तरह बनों... जो काम आने पर... थाली बन जाते है... बैठने के लिए बिछा लिए जाते हैं... फूलों के ब
हौसला वो विश्वास... डाली से टूटा फूल फिर से नहीं लग सकता है लेकिन डाली मजबूत हो तो उस पर नया फूल खिल सकता है । उसी तरह ज़िन्दगी में खोये पल को ला नहीं सकते। लेकिन हौसलें
हृदय अवलोकन झाँक रहे है इधर उधर सब। अपने अंदर झांकें कौन ? ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां। अपने मन में ताके कौन ? दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते।
जिंदगी दर्द का दरिया... सुन ऐ जिंदगी मेरी आंखों में आसूं है मगर टूटी नही हूं रो रही हूं बेशक मगर कमजोर नहीं हूं जिंदगी दर्द का दरिया है मेरी कस्ती भंवर में फसी है होंसले बुलंद ह
इंसान का मन कभी अपने आप विचलित नहीं होता है, इंसान को विचलित करने वाला खुद इंसान ही होता है, कोई अच्छे संस्कारों में जीता है,कोई गलत संगति में जो गलत संगत में होते है, अच्छे के साथ बात
मेहनत व अवसर तुम्हें वो सब मिल सकता है, जिसके लायक़ तुम खुद को समझते हो, अवसर ईश्वर दिलाते हैं, तुम कहाँ इंसानो के चक्कर में पड़े हो, किसी को प्रसन्न करना ही है, तो भगवान को करो अपने मेह