नई दिल्ली : चंद दिनों पहले यूपी के मुरादाबाद की रैली में नोटबंदी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की बात निकली झूठी. गौरतलब है कि मोदी ने बैंकों और एटीएम के बाहर लग रहीं लंबी कतारों को लेकर यह कहा था कि अब पर्स रखने की कोई जरुरत नहीं. अब तो भिखारी भी स्वाइप मशीन लेकर चलने लगे हैं.
हैदराबाद की कंपनी ने बनवाया था वीडियो
लेकिन पीएम मोदी की यह झूठी बयानबाजी अब सामने आ गयी है. मोदी ने जिस वीडियो को देखकर भिखारी का जिक्र किया था. वह वीडियो दरअसल हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी न्यूमरो ग्राफिक क्रिएटिव सलुशंस प्राइवेट लिमिटेट ने अपने प्रचार के लिए बनवाया था. ये वीडियो नवंबर 2013 में बनाया गया था और यूट्यूब पर 16 जनवरी 2014 को अपलोड किया गया था. ये कंपनी डाटा प्रोसेसिंग और विजुअलाइजेशन का काम करती है.
भिखारी की स्वाइप मशीन का हुआ खुलासा
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में अपनी रैली के दौरान एक व्हाट्सऐप वीडियो का जिक्र किया था, जिसमें अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने एक भिखारी का जिक्र किया था और कहा था अब तो भिखारी भी भीख मांगने के लिए स्वाइप मशीन का इस्तेमाल करता है. पीएम मोदी श्रोताओं को नकद-मुक्त (कैश-लेस) अर्थव्यवस्था के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बता रहे थे. हालांकि पीएम मोदी ने साथ में ये भी स्पष्टीकरण दिया था कि मुझे नहीं पता ये कितना सच है.
भिखारी को स्वाइप मशीन देकर बनवाया था वीडियो
न्युमरो ग्राफिक की सह-संस्थापक कुलप्रीत कौर के मुताबिक एक प्रमोशनल वीडियो है, जो हमने बनाया था. हमने वीडियो शूट करने के लिए भिखारी को स्वाइप मशीन दी थी. वीडियो में दिखने वाली महिला कुलप्रीत कौर ही हैं. कुलप्रीत ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मार्च 2013 में न्युमरो ग्राफिक की शुरुआत की थी.
कंपनी का प्रचार करने के लिए बना था वीडियो
कुलप्रीत के मुताबिक वह क्रिएटिव वीडियो से अपनी कंपनी का प्रचार करना चाहते थे. हमने कई बार देखा कि ट्रैफिक लाइट पर लोग छुट्टे न होने की वजह से भिखारियों को पैसे नहीं दे पाते. हमने क्रिएटिव सलुशंस टीम के तौर पर हमने भिखारी को पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन देकर छुट्टे की समस्या से निजात पाने वाला ये वीडियो बनाने के बारे में सोचा.