पण्डितराज जगन्नाथ शास्त्री तैलंग . सत्रहवीं शताब्दी का पूर्वार्ध था, दूर दक्षिण में गोदावरी तट के किनारे एक छोटे से राज्य की राज्यसभा में एक विद्वान ब्राह्मण। सम्मानित पद पर आसीन थे
पहले राष्ट्र 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹एक दिन सम्राट चंद्रगुप्त अपने मंत्रियों के साथ एक विशेष मंत्रणा में व्यस्त थे तभी प्रहरी वहां आकर सूचित करता है कि आचार्य चाणक्य राजभवन में प