लखनऊ : समाजवादी पार्टी से अखलेश यादव को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। जिसके बाद यह कयासबाजी शुरू हो गई कि क्या अब अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया जायेगा अथवा नही। संविधान के जानकारों की माने तो अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी से हटाये जाने से उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फ़िलहाल कोई संकट नही है। जब तक राज्यपाल को यह जानकारी न हो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास सरकार में बने रहने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं है तब तक वह सुरक्षित हैं।
यह इस पर भी निर्भर करता है कि जब तक राज्यपाल के पास इस तरह की कोई याचिका नही दी जाती है कि मुख्यमंत्री ने बहुमत खो दिया है तब तक वह मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं। अखिलेश यादव के अल्पमत में होने की कोई याचिका अगर राज्यपाल को दी जाती है तो इसके बाद अखिलेश यादव को बहुमत सिंद्ध करने को भी कहा जा सकता है। उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने भी खुद कहा कि फ़िलहाल संवैधानिक रूप से अखिलेश की कुर्सी पर कोई संकट नही है हालांकि रणनीतिक तौर पर स्थित जो भी हो। यूपी के राज्यपाल ने कहा कि पार्टी के अंदर की राजनीति से उनको कोई फर्क नही पड़ता।
अगर अखिलेश यादव भी ये बात लेकर राज्यपाल के पास जाते हैं कि मुझे पार्टी के विधायकों का और दूसरी पार्टियों के विधायकों का समर्थन हासिल है। मेरे पास बहुमत है, तो फिर ये राज्यपाल के विवेक पर होगा। संवैधानिक दृष्टि से देखा जाए तो अखिलेश को पार्टी से निकाले जाने से मुख्यमंत्री पद पर कोई असर नही पड़ता है।