नई दिल्ली: पाकिस्तान के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार (16 फरवरी) रात ISIS के एक आत्मघाती विस्फोट में करीब 100 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। एक सप्ताह के भीतर पाकिस्तान में यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है। हमलावर ‘सुनहरे गेट’ से दरगाह के भीतर दाखिल हुआ और पहले उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन वह नहीं फटा। पुलिस के अनुसार यह धमाका सूफी रस्म ‘धमाल’ के दौरान हुआ। विस्फोट के समय दरगाह के परिसर के भीतर सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद थे। सहवान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘उसने अफरा-तफरी मचाने के लिए पहले ग्रेनेड फेंका और फिर खुद को उड़ा लिया।’
SHO सहवान थाना रसूल बख़्श ने पत्रकारों को बताया कि करीब 100 लोगों की मौत हो गई जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। एदी फाउंडेशन के फैसल एदी ने इस बात की पुष्टि की है कि 60 शवों को हैदराबाद और जमशोरो के अस्पताल में ले जाया गया है।
ISIS ने समाचार एजेंसी के ज़रिये अमाक हमले की ज़िम्मेदारी ली और कहा कि आत्मघाती हमलावर ने दरगाह में ‘शिया लोगों’ को निशाना बनाया। पाकिस्तान में साल 2005 से देश की 25 से अधिक दरगाहों पर हमले हुए हैं। हैदराबाद के आयुक्त काजी शाहिद ने कहा कि यह दरगाह दूरस्थ इलाके में स्थित है, ऐसे में हैदराबाद, जमशोरो, मोरो, दादू और नवाबशाह से एंबुलेंस एवं वाहनों तथा चिकित्सा दलों को मौके पर भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।’ सेना ने कहा कि सी130 विमान के जरिए घायलों को नवाबशाह लाया जाएगा। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस हमले की निंदा की पाकिस्तान के लोगों से ‘एकजुट होकर खड़े होने’ की अपील की।
सिंध प्रांत के गवर्नर सैयद मुराद अली शाह ने कहा कि पाकिस्तानी सेना से आग्रह किया गया है कि वह रात में उड़ सकने वाले हेलीकॉप्टर मुहैया कराए ताकि शवों और घायलों को लाया जा सके। सप्ताह में गुरुवार के दिन बड़ी संख्या में लोग दरगाह जाते हैं। लाल शहबाज कलंदर सूफी दार्शनिक-शायर थे। सूफी दरगाह पर यह हमला उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने देश में आतंकी हमलों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए उन सभी तत्वों को ‘मिटाने’ का संकल्प लिया था जो देश में शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘बैठक में देश में पनपने वाले आतंकवाद या बाहर से अंजाम दिए जा रहे या प्रश्रय पाने वाले आतंकवाद के खात्मे का तथा देश की शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे तत्वों को सरकार की ताकत से मिटाने का संकल्प लिया गया।’