नई दिल्ली : फेसबुक के दौर में बिना फेस के यूपी में कैसे जीतेगी बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को. दरअसल बीजेपी अभी तक सीएम पद की उम्मीदवारी के लिए सूबे में कोई नया चेहरा नहीं ढूंढ सकी है. जिसके चलते साल 2017 में बीजेपी के सरकार बनाने का सपना इस सोशल मीडिया के जमाने में कहीं हवा की बयार के साथ बह न जाये.
उभरते चेहरों की दम पर नहीं बनेगी सरकार
सूत्रों के मुताबिक यूपी में जो चेहरे थे. उनकी दम पर बीजेपी सरकार नहीं बना सकती. जिसके चलते यूपी में सीएम का कोई बड़ा चेहरा बीजेपी को अभी तक नहीं मिल सका है. बताया जाता है कि जो नेता सीएम की उम्मीदवारी के लिए दावा कर रहे हैं. उनकी दम पर बीजेपी यूपी में कभी अपनी सरकार नहीं बना सकती. इसीलिए बीजेपी ने अभी तक अपनी पार्टी से यूपी में किसी को भी सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.
ताल ठोंकने वालों में नहीं है दम
पार्टी सूत्रों के मुताबिक यूपी में सीएम की उम्मीदवारी को लेकर वरुण गाँधी, योगी आदित्य नाथ और नगर महापौर डॉ. दिनेश शर्मा का नाम लिया जा रहा था. लेकिन यह चेहरे विरोधी पार्टियों को शिकस्त देने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. बताया जाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी भी इन चेहरों को यूपी के सियासी अखाड़े में लड़ने के लिए नहीं उतारना चाहते हैं. पार्टी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या भी अभी तक यूपी में कुछ खास नहीं कर सके हैं. इसलिए उनका नाम भी सीएम पद के उम्मीदवारों की सूची से कट चुका है.
बीजेपी पेश करना चाहती है यूपी में बड़ा चेहरा
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी यूपी में पार्टी के किसी बड़े नेता को सीएम के चहरे के रूप में पेश करना चाहती है. जिसके चलते केंद्रीय मंत्री उमा भारती के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था. लेकिन उन्होंने भी यूपी से सीएम का चेहरा बनने से मना कर दिया. बताया जाता है कि जब उमा भारती ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सामने यह प्रस्ताव रखा गया.
राजनाथ ने नहीं भरी हामी, पड़े संशय में
लेकिन उन्होंने भी अभी तक इस बाबत कोई हामी नहीं भरी है. गृहमंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह भी इस संशय में हैं कि कहीं वह हामी भर दें और यूपी में बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो वह इधर से भी जायेंगे और उधर से भी. फिलहाल इस फेसबुक के दौर में जहां देश कहां से कहां पहुंच जा रहा है वहीँ बीजेपी को यूपी से सीएम के रूप में कोई बड़ा चेहरा कई महीनों से ढूंढने के बाद भी अभी तक नहीं मिल सका है. ऐसे में सवाल इस बात का है कि अगले साल होने जा रहे यूपी के चुनाव में सीएम का चेहरा बनकर बीजेपी कि नईया कौन पर लगाएगा.