नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा जिले के सातलखेड़ी गांव के रहने वाले विजय कुमार ने अपने गांव का नाम रोशन कर दिया। उन्हें पहली बार में ही आईआईटी में एडमिशन मिला है। ये उपलब्धि पाकर उनका परिवार बहुत खुश है। उनके लिए ये खास इसलिए भी है क्योंकि उनके पिता कालूलाल दिहाड़ी मजदूर हैं। पिता मुश्किल से दिनभर के 200 से 400 रुपए कमाते हैं।
जब पिता ने रखे पत्नी के गहने गिरवी
विजय के पिता के पास कोचिंग की फीस देने के लिए पैसे नहीं थे तो उसने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख दिए। थोड़े बहुत पैसे कम पड़े तो साथी मजदूरों ने उसकी मदद की।
कोचिंग इंस्टिट्यूट ने की 40 प्रतिशत फीस माफ
विजय पढ़ने में अच्छे हैं इसलिए कोचिंग इंस्टिट्यूट ने उसकी 40 प्रतिशत माफ कर दी। लेकिन बची हुई फीस भरना भी पिता के लिए मुशिकल हो गया था।
विजय की प्राइमरी एजुकेशन गांव के सरकारी स्कूल में पूरी हुई है। टेलेंट के दम पर विजय ने जवाहर नवोदय का एंट्रेंस एग्जाम पास किया था जिससे परिवार को उनकी फीस नहीं देनी पड़ी।