नई दिल्लीः इस गांव के अंदर कभी किसी महिला की डिलीवरी नहीं हुई। पिछले 50 साल से कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ। जानते हैं क्यों। सिर्फ अंधविश्वास के चलते। गांव के लोगों में एक डर समाया है कि गांव में अगर महिला ने बच्चे को जन्म दिया तो वह मर जाएगा या फिर दिव्यांग हो जाएगा। ऐसे में गर्भवती महिलाएं गांव में बच्चों को जन्म नहीं देती। अंधविश्वास में इस कदर डूबे इस गांव का नाम है सांका जागीर। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का यह गांव आज सबके लिए अजूबा बना है।
गांव से बाहर कराया जाता है प्रसव
अंधविश्वास की जकड़न में गांव वाले इस कदर हैं कि गर्भवती महिलाओं का प्रसव सीमा से बाहर कराया जाता है। इसके लिए गांव के लोगों ने सीमा से बाहर एक छोटा से कमरा बनवा रखा है। जब कोई गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से छटपटाती है तो उसे गांव से बाहर उसी कमरे में लाया जाता है। जहां किसी नर्स या फिर दाई के जरिए बच्चे की पैदाइश होती है। कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा को घर लाया जाता है।
क्या कहते हैं गांव के बुजुर्ग गांव के बुजुर्ग
इस अंधविश्वास के पीछे बच्चा-बच्चा की हिफाजत का तर्क देते हैं। कहते हैं कि उन्होंने पिछले 50 साल से किसी महिला को गांव में बच्चे को जन्म देते न देखा न सुना। कहते हैं कि पहले गांव में श्यामजी का मंदिर था तो पूरे गांव को पवित्र बनाए रखने के लिए प्रसव बाहर कराने का तब फैसला हुआ था। उस समय कुछ लोगों ने इसे नहीं माना तो उनके बच्चों की मौत हो गई। जिससे डरकर अब गांव की महिलाओं का प्रसव बाहर कराया जाता है। यह सिलसिला पिछले 50 साल से बदस्तूर कायम है।