नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी सरकारी ऑयल कंपनी ओएनजीसी सवालों के घेरे में आ गई है। ओएनजीसी पर आरोप है कि उसने वीडियोकॉन ग्रुप से मोजाम्बिक गैस फील्ड की डील में 20 करोड़ रूपये अधिक चुकाए। ओएनजीसी ने वीडियोकॉन से 10 प्रतिशत स्टेक की खरीदारी 2.47 अरब डॉलर में खरीदी थी।
ओएनजीसी की ओवरसीज यूनिट ने साल 2013 में वीडियोकॉन ग्रुप से ऑफशोर एरिया 1 में 10 प्रतिशत स्टेक की खरीदारी 2.47 अरब डॉलर में खरीदी लेकिन बाद में इसे ओवीएल और आयल इंडिया लिमिटेड में 60:40 की रेशियो में बाँट दिया। इस डील की जाँच अब आयल मिनिस्ट्री कर रही है।
इससे पहले ओनजीसी ने खरीदी थी GSPC में हिस्सेदारी
इससे पहले ओएनजीसी ने करोड़ों के घाटे में चल रही गुजरात सरकार की पेट्रोलियम कम्पनी 'गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन' (GSPC) को भी खरीदा था। इस मामले में ऐसा पहली बात हुआ जब केंद्र सरकार किसी राज्य की कपनी को बचाने के लिए अपनी कंपनी को इतने बड़े घाटे में धकेला।
सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री कार्यालय चाहता था कि गुजरात की ऑयल कंपनी को घाटे से उबारा जाए क्योंकि कोई भी प्राइवेट कम्पनी इतना जोखिम उठाने तो तैयार नही है। ओनजीसी अब GSPC के 50 प्रतिशत शेयर खरीदने जा रही है और यह मर्जर इसी महीने होने की संभावना है।