बारिश के इस सुहाने मौसम मे
दिल मेरा तुझे याद करता है
वो साथ भीगने के ज़माने याद करता है
भीगी हुई रातो कि वो , बाते याद करता है
बारिश के इस सुहाने मौसम मे
तुम्हारी हॅसी याद आती है ,
और याद आते है तुम्हारी नज़रो के तीर
जो दिल के पार जाते थे
और दिल मे प्यार का दर्द उभरता था
हम दोनों एक दुजे कि नज़रो मे खो जाते थे
और दुनिया को भुल जाते थे
ऐसे लम्हो को ये दिल , रो रो के याद करता है
बाहों मे चले आओ फिर से
ये दिल दुआ करता है, तुमसे फरियाद करता है
तेरे बदन कि खुश्बू ,
मेरे बदन कि खुश्बू से मिल जाती थी
और ज़िन्दगी मुस्कुराती थी
शायद हमसे कुछ कहना चाहती थी
वो ज़िन्दगी के अनकहे शब्द
आज दिल सुनना चाहता है
फ़ना होने कि 'विकास' कि उम्र तो नहीं है लेकिन
जो तू फिर से मिल जाए तो , तेरी बाहों मे,
मर जाने को दिल करता है
दिल मेरा तुझे याद करता है