नज़र भर के देखु तुझे
तेरा प्यारा रूप चुरा लु
इतना हो जाए तेरा मुझ पे एतबार
तेरे लबों से तेरा इनकार चुरा लु
फूल जो खिले तेरे मन मे , मेरे प्यार का
आ उस फूल से काटा निकाल लु
बाहों मे चले आओ कि हमसे कैसा शरमाना
ये तो प्यार कि आदत है , हमसे कैसा घबराना
कर के तो देखो प्यार का इज़हार तुम
दिल को मेरे , तुम्हारे लिए ख़ुदा का दर बना लु
हर दुआ मे शामिल तुम
हर ख्याल मे शामिल तुम
आ जाओ कि हर पल को तुम्हारा इंतज़ार बना लु
पलकों पे रख लु
ख्वाब बना के आँखों में बसा लु
पहले प्यार कि पहली रात यादगार बना लु
देखो मुझे ऐसे कि थोड़ा शरमा लु
जिस्म से रूह तक का रास्ता बना लु
थोड़ा तड़पुं और थोड़ा दिल को अपने बेकरार बना लु
जो जाता है तेरे मन तक
उस हर रस्ते को मेरा रास्ता बना लु
दुनिया को तेरी तस्वीर बना लु
आँखों में अपनी तेरा चेहरा बसा लु
ज़ुल्फो को तेरी अपने पैरों कि ज़ंजीर बना लु
इस दिल मे कोई और ना आएगा
तेरे लिए आ कसम उठा लु
तेरी बाहों से मेरी बाहों तक
तेरी नज़रों से मेरी नज़रों तक
रास्ते कि हर दीवार गिरा लु
तुम मिल गए हो तो अब ख़ुशी का ,
कोई नया त्यौहार मना लु
दिपक तेरे मेरे प्यार का ऐसा जला लु
रौशनी मे जिसकी तेरा चेहरा निहार लु
नज़र भर के देखु तुझे
तेरा प्यारा रूप चुरा लु