तेरे हसीन चेहरे को देखु वो अच्छा
दिल पे अपने हसरतो का बोझ क्यू लु
इस बारिश मे तुम भी नहा लो, मे भी नहा लु
सावन की इस पहली फुहार मे तुम्हारे संग भीग लु
दिल पे अपने मोहब्तो का बोझ क्यू लु
दर्द देती है तुमसे दूरिया
पास आने नहीं देती है मजबुरिया
तेरे करीब आके भी प्यासा रहु
कब तक दिल को अपने देता दिलासा रहु
चॉँदनी रात मे तेरा साथ चाहिए
ज़िन्दगी का हर पल तेरे साथ चाहिए
तुम्हारे पास तो लेकिन वक़्त हि नहीं है
तो क्यु ना तेरी तस्वीर से गुजारा कर लु
दिल पे अपने तेरी आदतों का बोझ क्यू लु