दिल कि धड़कनो ने कहा
वो आ जाए तो चलना शुरू करे
रात हो जाए , चाँद निकल आए
दिल के आसमा पे तो
महबूब से प्यार शुरू करे
दिल कि हसरतो का मज़मा लगा है
तेरे चेहरे पे काला तिल अच्छा लगा है
तेरी जुल्फों से जो छिटके बुन्दे शबनम कि तो
शायद बादल सावन के बरसना शुरू करे
मुझको रख लो अपनी नज़रो मे बन्द करके
फिर कोई और ना मुझको देख पाएगा
तुम कहो तो हम नज़रों मे रहना शुरू करे
दिल कि धड़कनो ने कहा
वो आ जाए तो धड़कना शुरू करे
है तेरी तरह सुहानी तेरी बाते
कैसे भूलूंगा मै वो प्यारी बाते
दिलकश अदा और दिलकश बाते
अब किसी और कि जरुरत कहा है
याद आती है तेरी सारी बाते
होठो से अपने कह दो बस इतना
जिन्दा रहने के लिए इक मुलाकात जरुरी है
आ जाओ कि ये दुरिया हमारे दरमिया कि
धीरे धीरे मिटाना शुरू करे
मिट जाए जो दुरिया तो
महबूब से प्यार शुरू करे
दिल कि धड़कनो..........