अपने अन्दर जलते हुए
अपने अरमान देखे
भड़के हुए शोलो की आग से
हाथ सेकते हुए इन्सान देखे
क्या सोचा था और क्या देखा
हमने अपने लोगो को बदलते देखा
काफी दिन हुए आईना देखे हुए
अपने चेहरे पे जब से
वक़्त के निशान देखे
प्यार को अपने गैरो का होते देखा
दिल मेरा टूटा जब , आसमा को रोते देखा
मै जिन्दा हु बस , उनकी दुआओ से
मुझ पे उनका अहसान देखा
भर लिए है अपने दामन मे,
उन्होंने टूटे हुए तारे
चाँद कब टूटेगा अब
इस उम्मीद में उन्होंने
रात भर आसमान देखा
ज़माने में सबको कुछ न कुछ पाते देखा
हर किसी के पास कोई मुकाम देखा
अपने दिल को कितनी बार समझाऊ
हर हसरत और हर उम्मीद पे
रोते हुए अपने दिले - नादान को देखा
मै ख़ुदा के घर कल गया
वो भी उदास था
बोला
आओ तुम्हारा इन्तज़ार था
मैंने कहा , क्या काम मुझसे हो आया
बोला खुदा बड़ी मासुमियत से
मेरी जगह आ के बैठ जाओ
जबसे ख़ुदा बना हु
हर इन्सान को परेशान देखा