बरसात के मौसम में
मोहब्त हो ना जाए
दिल तुझको देख के
तुझे पाने को मचल ना जाए
सितारा टूट ना जाए
चाँद अकेला हो ना जाए
तन्हा रात मे दीवाना हो ना जाए
ऐसे मे हमसे गुफ़्तगू हो ना जाए
सम्भाल ले ख़ुद को तो बेहतर
चार दिन कि चाँदनी फिर अन्धेरी रात
बात सच हो ना जाए
बरसात के मौसम मे
दिल प्यासा रह ना जाए
मुझसे मिलने आने का उनका
इरादा बदल ना जाए
बरसात के मौसम मे