कोई आजकल हमसे प्यार करने लगा है
दिल हमारा भी धड़कने लगा है
बसन्ती बहार चलने लगी है
दिल मे गुलाब प्यार का खिलने लगा है
उनका चेहरा है या चाँद है पूनम का
जब भी देखता हु उनको , हसरतों को अपनी सम्भाल नहीं पाता हू
कोई आजकल इतना करीब रहने लगा है
मेरा तन मन उसकी खुशबु से महकने लगा है
दिल उनकी अदाओ पे मरने लगा है
और जिस्म जो है उनकी हसरत करने लगा है
शमा बन कर वो तो जलेंगे आज रात भर
लेकिन ये परवाना उनका जलेगा उम्र भर
हसीन कातिल रात में लेकिन, प्यार हद से गुजरने लगा है