आज एक सुरज और ढल गया
चाँद के पास से टूट सितारा गया
फलक पे चमकते रहेंगे शब्दों के मोती
कोई ग़ालिब , कोई मोमिन ,
आज फिर जिन्दगी कि जंग हार गया
दिल कि नाव का डुब आज किनारा गया
चन्द आँसू हमारी आँखों में देके
दिन एक और सुनहरा गया
ढूंढ़ती है नजरे अब उसको
वो ना जाने किस शहर गया
तेरी गजलों और नज्मो कि किताब मे
मैंने अपने प्यार का गुलाब रखा था
तुम जो गए हो आज हमें छोड़कर
प्यार में डुबे दिलो का सहारा गया
चाँद के पास से टूट सितारा गया