
नई दिल्लीः
लोग अक्सर सवाल उठाते हैं कि आपका आदर्श कौन है? ऐसे ही प्रश्न का एक जवाब है -'ओमप्रकाश एक बिजली मिस्त्री!' १९९६ से आजमगढ़ पुलिस लाइन में दिहाड़ी मजदूर के रूप में कार्यरत जो अब स्थाई हो चुका है,ने पिछली मुलाकात में मेरे मन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ी।महसूस किया कि आदमी इतना भी सरल हो सकता है कि आप की मदद भी करे और हाथ जोड़कर आपको धन्यवाद भी दे।सबसे ज्यादा दुःखी लेकिन प्रभावित करने वाली बात यह थी कि इनके दो पुत्र थे जो मर गए! लेकिन इस आदमी ने बिना हताश हुए बिना डॉक्टर-ओझा के पास गए 'दो बच्चों' को गोद लिया, जिसमे एक लड़की भी है! सोचिए जब लोगबाग़ भ्रूण हत्या कर रहे हो या एक लड़के की चाहत में कई बच्चे पैदा कर रहे हो तब एक अनपढ़ व्यक्ति का ऐसा साहसिक कदम वाकई सैल्यूट करने वाला है!अपनी कम तनख़्वाह में वो दोनों बच्चों को अच्छे अंग्रेजी स्कूल में बिना भेदभाव के पढ़ा रहा है, और उनकी हर छोटी-बड़ी इच्छाओं का अपनी हद में रहकर पूरा करने का प्रयास भी करता है। यह देखकर एक सुकून तो मिलता ही है कि हम ऐसे सकारात्मक लोगों से भी घिरे है।ऐसे ही कई लोग हैं जो मेरे मन में आदर का भाव रोपित करते हैं।जीवन है, ऐसे लोग फिर मिलेंगे और पुनः मुझे आलोकित करेंगे!
( यूपी पुलिस के डीएसपी अभिषेक प्रकाश की वॉल से साभार)