भाईदूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्तजयन्तीपाँच पर्वों की श्रृंखला दीपावली कीपञ्चम और अन्तिम कड़ी है 16 नवम्बर कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाया जानेवाला भाई बहन के मधुर सम्बन्धों तथा भाईचारे का प्रतीक पर्व भाईदूज – जिसे यम द्वितीया केनाम से भी जाना जाता है | यम द्वितीया नाम के पीछे भी एक कथाहै कि समस्त चराच
गोवर्धन पूजा, भाई दूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्तजयन्तीकल सबने ख़ूब धूमधाम से दीपोत्सव तथा लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया | आज यानी दीपावली के अगले दिन –पाँच पर्वों की इस श्रृंखला की चतुर्थ कड़ी है – गोवर्धन पूजा और अन्नकूट | इस त्यौहार का भारतीय लोक जीवन में काफी महत्व है | इसकेपीछे एक कथा प्रसिद्ध है कि ए
भाई दूज (यम द्वितीया) कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष में द्वितीया तिथि जब अपराह्न (दिन का चौथा भाग) के समय आये तो उस दिन भाई दूज मनाई जाती है। यदि दोनों दिन अपराह्न के समय द्वितीया तिथि लग जाती है तो भा
भाई दूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्त जयन्तीकल यानीकार्तिक शुक्ल द्वितीया – भाई दूज – जिसे यमद्वितीया के नाम से भी जाना जाता है कापावन पर्व है | नेपाल में इसे भाई टीका कहते हैं | यम द्वितीया नाम के पीछे भी एक कथा है कि समस्त चराचर को सत्य नियमों मेंआबद्ध करने वाले धर्मराज यम बहुत समय पश्चात अपनी बहन यमी