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ग़ज़ल

20 फरवरी 2024

4 बार देखा गया 4
चोर की पहचान कराऊं तो कराऊं कैसे
थाने में रपट लिखाऊं तो लिखाऊं कैसे।

चैन सकून लूटा है उसने तो सरेआम मेरा
दिल कब लें गई चुरा के पता ही ना चला।

अब ना नींद हैं आंखों में,खो गया होश मेरा
ख़्वाब में आती है बस मुझे तड़पाने के लिए।

वो चोर है चोरी की है उसी ने, सच पता है मुझे
मेरी अपनी है, दुनिया की नज़रों में गिराऊं कैसे।

बार-बार जाता हूं उसको  कुछ बताने के लिए।
घायल कर देती हो वो अपनी मुस्कुराहट से मुझे।

खो जाता हूं उसकी झील सी गहरी आंखों में वहां 
क्यों लूट लिया है उसने मेरा सब चैन और सुकून।

बस दुआ है के वो, हकीकत में मिलजाए मुझको 
चाहता हूं उसको बहुत पर बताऊं तो बताऊं कैसे

सय्यदा खा़तून ✍🏼
स्वरचित कविता 

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

वाह बेहद खूबसूरत लिखा है आपने 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏🙏

23 फरवरी 2024

70
रचनाएँ
शायरी संग्रह
5.0
हर वो रह गुज़र जहां से गुजरा था तू  कभी निहारती हूं इस उम्मीद में कभी आएगा यहीं दिल में उठते हुए ज्ज़बात का आइना है मेरी किताब!प्यार के हर एक रंगको मैंने अपने शेरों द्वारा आप तक पहुचाने की मैंने भरपूर कोशिश की है ऊपर लिखा हुआ शेर और इस प्रकार के बहुते से ख़ूबसूरत शेर पढ़ने के लिए मेरी किताब शायरी संग्रह को अवश्य पढ़ें....
1

इश्क़

29 अगस्त 2023
11
4
2

प्यार मिलजाए हर किसी को ज़रुरी नहीं मगरइश्क़ करतीं हूं तुझे पहले जितना ही आज भी।सय्यदा खा़तून ✍🏼

2

बेवफा

29 अगस्त 2023
8
3
0

एक बार फिर तुझे प्यार से समझा रही हूं मैं मुझे बेवफा न कह तौहीन है ये मेरे प्यार की सय्यदा खा़तून ✍🏼

3

इंतज़ार

29 अगस्त 2023
5
2
0

या रब घड़ी दो घड़ी को हम भी सो जाऐं चैन से , नींद आँखों से उड़ गई है,अब उनके इंतज़ार में , सय्यदा खा़तून ✍🏼 &n

4

रह गुज़र

29 अगस्त 2023
5
3
0

हर वो रह गुज़र जहां से गुजरा था तू कभी निहारती हूं इस उम्मीद में कभी आएगा यहीं सय्यदा खा़तून ✍🏼

5

नादानी

30 अगस्त 2023
6
3
2

 समझ सकी न वो , अफसाना- ए- मुहब्बत । नादानी हमीं स

6

बेरुखी़

30 अगस्त 2023
6
3
2
7

ख़ुशबू

30 अगस्त 2023
5
1
0
8

दुःख दर्द

30 अगस्त 2023
6
3
0
9

एहसास

30 अगस्त 2023
6
4
1
10

शेर

30 अगस्त 2023
3
3
0
11

दर्द

30 अगस्त 2023
3
3
1
12

अन्याय

30 अगस्त 2023
4
3
0
13

शमा

30 अगस्त 2023
4
3
0

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14

जानवर

30 अगस्त 2023
3
3
1
15

मानव

30 अगस्त 2023
3
3
0
16

शेर

30 अगस्त 2023
3
3
1

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17

अंधेरी रात

31 अगस्त 2023
3
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

18

शेर

31 अगस्त 2023
3
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼 &n

19

जलवानुमा

31 अगस्त 2023
3
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

20

आशियां

31 अगस्त 2023
3
2
0

सय्यदा ख़ातून ✍🏼 ------🍀-----

21

रुसवा

31 अगस्त 2023
3
3
0

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22

जश्न

31 अगस्त 2023
4
4
0

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23

जासूसी

31 अगस्त 2023
3
4
0

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24

बसेरा

31 अगस्त 2023
3
4
0

सय्यदा ख़ातून ✍🏼 ---------🌻🌻🌻----------

25

शायरी

31 अगस्त 2023
3
4
0

तुझे अपनी चाहत पे अगर है ग़रूर,तो हुस्न ने किया है मुझे भी मग़रूर।मेरी गोदी में पलें हैं पीरो - मुग़ाँ,तुझसे ऊँचा है कहीं, मेरा मुका़म सय्यदा खा़तून ✍🏼-------🌷🌷---------

26

बंदगी

31 अगस्त 2023
3
3
1

मुझे मेला जहां का पसंद नहीं मुझे दुनिया से कोई ग़रज़ नही मेरी ख़ुशी ह

27

पौशीदा (छुपा हुआ)

31 अगस्त 2023
3
3
0

पोशीदा नहीं है किसी से इश्क मेरा तुझ में बसी मेरी जान है। तू है तो मेरा वजूद है नहीं तो ज़िंदगी वीरान है सय्यदा खा़तून ✍🏼--

28

लाकेट

31 अगस्त 2023
3
4
1

जब से पहना है वो लाॅकेट मैंने ख़ुद को तेरा समझने लगी हूं मैं हर घड़ी,हर लम्हा लगता

29

अदा

1 सितम्बर 2023
3
4
3

यूँ तो वाकिफ हैं उनकी हर एक अदा से हम । हमे नादान बनके वो &nb

30

झूठा प्यार

1 सितम्बर 2023
3
4
0

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31

मुजरिम

1 सितम्बर 2023
3
3
0

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32

दिल से दिल का रिश्ता

1 सितम्बर 2023
2
2
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼-------🌷------

33

लुटेरे

1 सितम्बर 2023
2
3
0

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34

गुमनाम

2 सितम्बर 2023
2
3
0

सय्यदा ख़ातून ✍🏼

35

इज़हार -ए- मुहब्बत

2 सितम्बर 2023
3
4
1

सय्यदा खा़तून ✍🏼

36

आज़ादी

3 सितम्बर 2023
2
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

37

जश्न

3 सितम्बर 2023
2
3
0

&nbsp

38

बेज़ार

3 सितम्बर 2023
2
2
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

39

शेर

3 सितम्बर 2023
2
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

40

शेर

3 सितम्बर 2023
2
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

41

तर्के -ए-तालुक

3 सितम्बर 2023
2
3
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

42

गुलज़ार

3 सितम्बर 2023
2
2
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

43

कश्ती के मुसाफ़िर

3 सितम्बर 2023
3
3
2

?

44

बेनाम रिश्ते

3 सितम्बर 2023
2
2
1

सय्यदा खा़तून ✍🏼

45

ज़िन्दगी का फसाना

3 सितम्बर 2023
1
1
0

सय्यदा ख़ातून

46

बे वफ़ा सनम

3 सितम्बर 2023
1
2
0

सय्यदा ख़ातून ✍🏼

47

और क्या मांगू

3 सितम्बर 2023
1
2
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

48

शेर

5 सितम्बर 2023
1
1
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

49

दीवाना

5 सितम्बर 2023
2
1
0

सय्यदा खा़तून ✍🏼

50

दर्द

5 सितम्बर 2023
1
1
0

सय्यदा ख़ातून ✍🏼

51

बादल गरज रहे हैं

5 सितम्बर 2023
2
2
2

सय्यदा खा़तून ✍🏼

52

शेर

5 सितम्बर 2023
2
3
1

सय्यदा खा़तून ✍🏼

53

षड्यंत्र

13 अक्टूबर 2023
1
2
1

सय्यदा खा़तून ✍🏼

54

सितम

16 अक्टूबर 2023
0
1
0

सय्यदा खा़तून

55

बिना कहे सबकुछ

25 अक्टूबर 2023
1
2
1

बिना कहे सबकुछ समझ जाती है वोहम सब सुनकर भी समझते नहीं उसे।सय्यदा ✍🏼

56

दास्तान

25 अक्टूबर 2023
2
1
2

बिन कहे ही कह गई वो अपनी दास्तान, हम उलझें हैं आज भी लफ़्ज़ों के फेर में । सय्यदा ✍🏼

57

बेवफ़ाई

1 नवम्बर 2023
1
2
1

सय्यदा खा़तून ✍🏼

58

स्तब्ध हूं, निशब्द हूं !

12 दिसम्बर 2023
0
0
0

स्तब्ध हूं, निशब्द हूं,मौन हो गई हूं, बेशर्मी उसकी खुलेआम देख रहीं हूं सब्र की मेरे हो गई है अब तो इंतेहा ख़ुदा से और सब्र मैं अब मांग रही हूं उसकी लाठी में होती नहीं आवाज़ चलेगी एक दिन मैं

59

आंखों ने की जब आंखों से बातें

18 दिसम्बर 2023
0
0
0

रेज़ा रेज़ा ग़म सिमटा हुआ था दिल में मेरे अब तलक सब राज़ खुल गये, भीगी आंखों ने की जबआंखों से बातें । सय्यदा ख़ातून ✍🏼

60

शेर

18 दिसम्बर 2023
1
1
2

‌मैं चाहकर भी उससे वह सब न कह सकी,जो आंखें समझा गईं, करके आंखों से बातें !सय्यदा खा़तून ✍🏼

61

ग़ज़ल

20 फरवरी 2024
1
2
1

चोर की पहचान कराऊं तो कराऊं कैसेथाने में रपट लिखाऊं तो लिखाऊं कैसे।चैन सकून लूटा है उसने तो सरेआम मेरादिल कब लें गई चुरा के पता ही ना चला।अब ना नींद हैं आंखों में,खो गया होश मेराख़्वाब में आती है बस म

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हमजंगल जा रहें हैं

24 फरवरी 2024
0
0
0

आओ सखी सहेलियों हम जंगल जा रहें हैं सब मिलकर करेंगे मंगल तुम्हें बता रहें हैं। झूलेंगे झूला डाल कर पेड़ोंपर हम वहां के करेंगे मस्ती वहां की प्रदूषण मुक्त हवा में कंक्रीट के जंगल से मन ऊब गया ह

63

बढ़ती उम्र

24 फरवरी 2024
0
0
0

बढ़ती उम्र भी क्या खूब रंग लाती है रिश्तों की एक लड़ी सी बन जाती है गुम हो जाता है इंसान पोते पोतियों में पत्नी की बेरुखी़ भी नहीं सताती है 😄 सय्यदा खा़तून ✍🏼

64

रिश्तों की खोज

24 फरवरी 2024
1
0
0

अपनों को छोड़ कर जो परदेस आ गये, अब लगे हैं दिनों रात रिश्तों की खोज में ।सय्यदा खा़तून ✍🏼

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सिर्फ तुम

24 फरवरी 2024
2
1
1

याद है आज भी मुझको वो सुहाना मंज़र,ठंडी ठंडी हवाएं और दूर तक फैला समंदर, हजूम था उगता हुआ सूरज देखने को वहां सिर्फ तुम ही थे जो अपने में ही गुम थे वहां ।सय्यदा खा़तून ✍🏼

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लव मैरिज

4 मार्च 2024
1
0
0

शादी करने का मुझे जब आया ख़्याल मेरे दिल में उठने लगे अनगिनत सवाल । किसे बनाउं मैं अपना हमसफर हर डगर जो चले मेरे साथ मिलकर समझ जाए जो हर बात मेरे बिन कहे, मेरी ख़ुशी में हो जिसकी ख़ुशी , कहे वो मुझसे

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प्यार की राह

3 अप्रैल 2024
2
0
0

प्यार की राह पर चलना कठिन हैचल पढ़ो तो वापस लौटना कठिन हैदुश्वारियां बहुत है इस राह में लेकिनलज्जत ए इश्क का मज़ा ही और हैज़ख्म खाता रहा मजनू राहें इश्क में फिर भी यही कहा मुझे लैला पसंद है

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असंभव

16 अप्रैल 2024
2
0
0

असम्भव कुछ भी नहीं है इस जहान मेंकल तक नहीं था कुछ जिनके पास में।आज वो लोग मोती लुटा रहें हैं, खैरात में।हर जानिब है रहमत का उसकी जलवाज़र्रे को बदल दिया है उसने मेहताब में जानता नहीं था जिस

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अनकही फरियाद ( ग़ज़ल)

27 सितम्बर 2024
2
1
0

इंतज़ार करतीं हूं उसका हर घड़ी, वो कब आएगा यहां, रह सकती नहीं हूं उसके बिना, सोचतीं हूं बस यही !वो आता है जब भी सामने ,लब सिल जाते हैं

70

नादान

8 अक्टूबर 2024
0
1
0

नादान हैं,अपने पराए का फ़र्क भूल गए हैं जिस डाल पर बैठें हैं उसी को काट रहे हैं हम तो मांग रहें हैं उनके लिए दुआएं ख़ैर , और वो हैं के खंजर लिए हमको ढूंढ रहे हैं। मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍🏼

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