नई दिल्ली : मोदी सरकार पिछले वित्त वर्ष में अपने निर्धारित रोजाना सड़क बनाने के लक्ष्य को पूरा नही कर पायी। पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार ने 41 किलोमीटर रोजाना सड़क बनाने का लक्ष्य रखा था लेकिन वह 22 किलोमीटर ही सड़क बना पायी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि वह वित्त वर्ष 2016-17 में 15,000 किलोमीटर सड़क बनाएंगे लेकिन वह इस समयवधि 8,200 किलोमीटर ही सड़क बना पायी।
हालाँकि मोदी सरकार का सड़क निर्माण का यह आंकड़ा पिछली यूपीए सरकार से दोगुना ज्यादा है। यूपीए सरकार के दौरान साल 2009 से 2014 के दौरान रोजाना 6 से 9 किलोमीटर सड़क बन पायी थी। परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नितिन गडकरी ने पिछले वित्त वर्ष में 10,000 किलोमीटर की तुलना में 2016-17 में राजमार्ग परियोजनाओं के तहत 25,000 किलोमीटर लंबी हाईवे परियोजनाओं का लक्ष्य रखा था।
अधिकारी ने कहा ''हालांकि हम लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए लेकिन यह अब तक का सबसे ज्यादा निर्माण का आंकड़ा है। परिवहण मंत्रालय का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों और प्राइवेट डेवलपरों की सुस्त प्रतिक्रिया के कारण वह लक्ष्य हासिल नही कर पाए। गौरतलब है कि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने सड़क निर्माण के लिए आवंटित राशि में 73 फीसदी बढ़ोतरी की है।