आजादी के बाद भारत में कई प्रधानमंत्री बने लेकिन कुछ ऐसे थे जिन्होंने देश की तरक्की के लिए बहुत से अच्छे काम करवाए। उन्हीं में से एक थे राजीव गांधी, जो देश के 7वें और सबसे कम उम्र में बनने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी का व्यक्तित्व बेहद शानदार रहे और वे आम जनता के बीच जाकर उनकी परेशानियां सुनते और उन्हें ठीक करने की बात कहते थे। भारत को नई तकनीकियों से जोड़ने का काम सबसे पहले राजीव गांधी ने ही किया था और इस बात पर कायम रहते हुए उन्होंने कई ऐसे काम कराए भी लेकिन कम उम्र में ही उनके निधन की खबर आने से पूरी सत्ता सदमे में आ गई, आखिर उनकी मृत्यु अचानक हुई वो भी एक सभा को संबोधित करते हुए। राजीव गांधी ने देश के लिए जो भी किया उसके बारे में आपको पता होना चाहिए।
राजीव गांधी ने भारत को दी ये सौगातें
20 अगस्त, 1944 को बॉम्बे प्रेसिडेंसी (अब मुंबई) में जन्में राजीव गांधी के पिता फिरोज गांधी और मां इंदिरा गांधी थीं। राजीव गांधी के छोटे भाई संजय गांधी थे और दोनों भाईयों ने कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया और इसमें कई उपलब्धियां प्राप्त की। इस साल राजीव गांधी की 75वीं जयंती है और अगर आज वे जिंदा होते तो शायद कांग्रेस की परिभाषा आज वो नहीं होती जो है। इनकी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इन्हं तत्कालीन प्रधानमंत्री बनाया गया और इन्होंने पीएम की शपथ ली। प्रधानमंत्री होने के नाते इन्होंने समाज के हित में कई काम किए और अपने कामों से देश की जनता के दिलों में उतर गए। युवा सोच रखने वाले राजीव गांधी को 21वीं सदी के भारत का निर्माता कहा जाता है और 40 सालल की उम्र में ही उन्होंने प्रधानमंत्री बनकर आधुनिक भारत की नींव रखी थी। चलिए आपको उनके कुछ अहम कामो के बारे में बताते हैं।
कंप्यूटर क्रांति
राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाया बल्कि इन्फॉर्मेशन क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम योगदान दिया था. देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां एमटीएनएल और बीएसएनएल की शुरुआत भी इन्ही के कार्यकाल के दौरान हुई थी। जानकारी के लिए बता दें, दुनिया को पहला कंप्यूटर साल 1940 के आखिर में मिला, लेकिन भारत ने पहली बार 1956 में कंप्यूटर खरीदा गया था। तब इसकी कीमत 10 लाख रुपये थी और इसका नाम HEC-2M था. सबसे पहले इसे कोलकाता के इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट में इंस्टॉल किया गया था और तब के कंप्यूटर आज जैसे बिल्कुल नहीं होते थे।
वोट देने की उम्र सीमा
पहले के समय में 21 साल की उम्र में लोग वोट देते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वोट देने की उम्र को घटाकर 18 साल की गई। 18 साल की उम्र में युवाओं को मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति जिम्मेदार और सशक्त बनाने की पहल की थी।साल 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्र सीमा 21 से 18 की गई थी और इसके बाद 18 साल के करोड़ो युवा भी सांसद, विधायक से लेकर कई कामों में भागीदार बने।
दूरसंचार क्रांति
राजीव गांधी ने भारत में दूरसंचार क्रांति लेकर आए थे। आज जिस डिजिटल भारत की बात की जाती है उसकी संकल्पना राजीव गांधी ने अपने जमाने में शुरु कर दी थी। उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता था और इनकी पहल अगस्त, 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिे सेंटर पार डेवलपमेंट ऑ टेलीमेटिक्स की स्थापना की थी।
पंचायतों में किया खास काम
पंचायतीराज से जुड़े संस्थाएं मजबूती के साथ विकास कार्य कर पाएं इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त बनाने का काम शुरु किया था। राजीव गांधी का ऐसा मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सबल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था के लिए कई काम किए।
नवोदय विद्यालय
गांवों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिले इस सोच को आगे बढ़ाते हुए राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालय बनवाए। ये आवासीय विद्यालय है, यहां अगर प्रवेश परीक्षा सफल हो गई तो ही स्कूल में प्रवेश मिलता है और बच्चों को 6 से 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में कराई जाती है। यहां पर हॉस्टल में रहने की सुविधा के साथ फ्री में खाना भी मिलता है।