नई दिल्ली: राजस्थान के उदयपुर जिले के मेनार, रुंडेड़ा, कीकारड़ा, बांठेड़ा खुर्द और खरसाण गांव के लोग अपने कुकिंग पेशे की वजह से देश के नामचीन लोगों के यहां करते हैं। इन गांव के लोगों के हाथों में ऐसा जादू है कि इनके हाथ का बना खाना बॉलीवुड कलाकार जूही चावला, विनोद खन्ना सहित अंबानी, अंबुजा व हिंदुजा जैसे बड़े-बड़े उद्योपतियों और सेठ-साहूकारों को पसंद आता है। इन गांवों के 800 से ज्यादा लोग अपनी कुकिंग के दम पर देश भर में मशहूर हैं।
कमाते हैं 6 लाख से 17 लाख तक का सालाना पैकेज
कम पढ़े लिखे होने के बावजूद इन गांव के कुकों को 6 लाख से 17 लाख तक का सालाना पैकेज मिल रहा है। गांव के ही प्रकाश दौलावत कहते हैं कि पुरखे कुकिंग का काम करते थे। धीरे-धीरे आगे की पीढ़ियां भी इस पारंपरिक पेशे से जुड़ती गईं। बचपन से यहां पाक शास्त्र की बारीरिकां सिखाईं जाती हैं। इस गांव के कुकों की देश-विदेश के नामचीन लोगों में काफी डिमांड है।
कैसे बने इन गांव में इतने कुक
ऐसा कहा जाता है कि करीब साठ-सत्तर के दशक में गांव के भवानीशंकर मेनारिया के पास कोई रोजगार नहीं था तो वो काम की तलाश में बम्बई गए। उन्हें शुरुआत में कुछ जगहों पर काम किया लेकिन खुश नहीं हुए। एक दिन उनकी मुलाकात एक मारवाडी सेठ से हुई जहां वो कुकिंग का काम करने लगे। धीरे- धीरे उनका बनाया खाना सभी को पसंद आने लगा। एक दिन जब धीरूभाई अंबानी ने उनके हाथ का खाना खाया तो वो उनके खाने से धीरूभाई काफी खुश हुए और अपने साथ ले गए। जब भी कोई धीरूभाई के घर आता तो उन्हें खाना बहुत पसंद आता। उनके खाने की मांग बढ़ने लगी।
अपने भाइयों को बुला लिया मुंबई
गांव में सभी लोग बेरोजगार थे। भवानीशंकर एक इशारे पर उनके सभी भाई मुंबई चले आये और देखते ही देखते, इनका कुनबा वहां बढ़ता गया। और गांव के दूसरे लोग भी आने लगे। एक-दूसरे से जान पहचान बढ़ते-बढ़ते यहां के लोग सेलिब्रिटीज और उद्योगपतियों के यहां कुकिंग करने लगे।
मिलती है पेंशन
इन गांव के की औरतों को पेंशन भी दी जाती हैं. मेनार गांव के ही भैरूलाल रूपजोत ने धीरूभाई अंबानी के घर पर बरसों तक कुक के रूप में सेवा दी थी। भैरूलाल के निधन के बाद ग्रुप की ओर से उनकी पत्नी को अब भी साढ़े चार हजार रुपए पेंशन दी जा रही है।