एक अकेली लड़की को
जब
सब देखते है
क्या क्या सोचते है
कुछ यूँ ही गुजर जाते है
कुछ आँखों से जिस्म नोचते है
कुछ जिस्म से जिस्म नोचते है
फिर यूँ ही गुजरने वाले
आते है
और उसके आंसू पोछते है
और उसकी सहानभूति लेते है
ताकि
उसकी सहमति से
उसका जिस्म नोच सकें।
समीर कुमार शुक्ल