सनातन के पुरे इतिहास में जो त्रासदी सबसे बड़ी हुई वो थी नालंदा विश्वविद्यालय का नष्ट किया जाना। हमें हमारे शानदार इतिहास से वंचित कर दिया गया। सनातन के इतिहास को जो नुकसान इससे हुआ वो नागाशाकी और हिरोशिमा त्रासदियों के समतुल्य है। एक झटके से एक पीढ़ी को अपने पौराणिकता से वंचित कर दिया गया। इसी त्रासदी की वजह से हम वर्ण और वर्ग, जाति और जात के फर्क को परिभाषित करने में अयोग्य साबित हुए। सत्य कहता हूँ सरस्वती का ये अपमान अरबीयों या उनके पड़ोसियों और उनके रिश्तेदारों के लिए शापित साबित हुआ। आज भी वो उसी आग में जल रहे जो नालंदा विश्वविद्यालय में लगायी गयी थी।
जय हो जनता जनार्दन