दर्द का रिश्ता है जख्म निशानी देगा
जब भी देगा आंखो मे पानी देगा
सुनाओ बच्चो को शहीदो की कथाएँ
ये उनके खून मे जवानी देगा
खोल देना किसी परिंदे का पिजड़ा
वो हवाओं को एक नई रवानी देगा
बैठ जाना यू ही किसी बुजुर्ग के पास
वो ज़रूर तुम्हें कोई कहानी देगा
समीर कुमार शुक्ल