नई दिल्लीः नेताजी सुभाषचंद्र बोस की किताबों में दर्ज पुण्यतिथि के आधार पर जेटली ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी तो बोस के परिवार वाले भड़क उठे। परिवार ने माफी मांगने को कहा तो जेटली ने ट्वीट डिलीट कर दिया। यूं तो 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुई विमान दुर्घटना में उनकी मौत इतिहासकार बताते हैं। मगर, कुछ प्रमाणिक नहीं है। नेताजी की मौत का रहस्य अब तक पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है। जिस पर परिवार का कहना है कि बिना प्रमाणिक तिथि के कैसे पुण्यतिथि मनाई जा सकती है।
परपोते ने कहा-क्या बीजेपी मानती है विमान हादसे में मौत
जब जेटली ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी तो भाजपा से प. बंगाल विधानसभा चुनाव लड़े परपोते चंद्र कुमार बोस ने गहरी नाराजगी जताई। बोले कि क्या भाजपा मानती है कि नेताजी का निधन विमान हादसे में हुआ।
जस्टिस मुखर्जी ने प्लेन हादसे मे मौत को बताया झूठा
नेताजी मिशन के अनुज धर ने भी जेटली के ट्वीट पर सवाल उठाय़ा। बाद में जब ट्वीट जेटली ने डिलीट किया तो खुशी भी जताई। अनुज धर ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने नेताजी के मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए जस्टिस एमके मुखर्जी कमीशन बैठाई थी। कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक हवाई दुर्घटना की बात झूठी थी। उनकी अंत्येष्टि की कहानी पूरी तरह जापानी आर्मी अफसरों की गढ़ी फर्जी कहानी थी।
जेटली ने यूं किया था ट्वीट
केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट को अपनी टाइमलाइन से हटा लिया है, ट्वीट में अरुण जेटली ने लिखा, “Netaji Subhas Chandra Bose was an icon of exemplary valour and sacrifice. We remember and pay him our respectful tribute on his death anniversary.”
ममता ने भी निशाना साधाजब ट्वीट पर हंगामा मचा तो प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी जेटली पर निशाना साधने का मौका मिल गया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, आज रक्षाबंधन है और मैं किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती। हालांकि, अरुण जेटली जी के नेताजी पर किए गए ट्वीट से मैं हैरान हूं। हम सभी को ठेस पहुंची है।