नई दिल्लीः कभी कांग्रेस सरकार पर पाकिस्तान के साथ नरमी से पेश आने का आरोप लगाने वाले मोदी जब खुद प्रधानमंत्री बने तो उनका भी वही नरम रुख हुआ तो विपक्ष ने उनके 56 इंची सीने के दावे को चुटकुले का विषय बना लिया। जिससे अपनी सख्त छवि खतरे में पड़ती देख मोदी ने लालकिले की प्राचीर से दिए भाषण के बाद कश्मीर मसले पर रूख और कड़ा कर लिया है। अब पाकिस्तान को हड़काते हुए गुलाम कश्मीर खाली करने के लिए पत्र भेज दिया है। यह पहला मौका है जब भारत ने मौखिक कुछ कहने के बजाए लिखित में पाकिस्तान को गुलाम कश्मीर भी छोड़कर पीछे हटने को कहा है।
कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान के लिए यह बड़ा कूटनीतिक दांव माना जा रहा है। सीधे शब्दों में कहें तो भारत ने पाकिस्तान को अपनी हद में रहने का कड़ा संदेश दिया है।यह भी पढ़ें ...... तस्वीरों में देखिए भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली पीवी सिंधु की लाईफ स्टाईल
पाकिस्तान की बातचीत के प्रस्ताव पर मोदी का करारा जवाब
15 अगस्त पर लालकिले से भाषण के दौरान मोदी ने जब बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया तो दबाव में आए पाकिस्तान ने कश्मीर मु्द्दे पर बातचीत के लिए न्यौता भेजा था। चूंकि भारत पाकिस्तान के छलावे को जानता है, इस नाते बातचीत के चक्कर में न पड़ते हुए मोदी सरकार ने दो टूक रास्ता अपनायाा है। यानी जम्मू-कश्मीर में आतंक का खात्मा और गुलाम कश्मीर खाली करने पर ही वार्ता होगी.
विदेश सचिव ने भेजा पाकिस्तान को जवाबी खत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश सचिव ने दो टूक कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ गुलाम कश्मीर को खाली करवाने के मुद्दे पर ही बातचीत को तैयार है। भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबवाले ने बुधवार को यह पत्र पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को सौंप दिया।
विदेश मंत्रालय ने कहा-पाक पर भरोसा नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता स्वरूप ने कहा कि, पाकिस्तान आतंक का पर्याय बन चुका है। 1947,1965 और 1999 में उसने घुसपैठ की। कई बार आतंकी गतिविधियों को रोकने का दावा कर चुका, मगर, हर बार बातें झूठीं निकलीं।