नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो हजार रुपये के नोट छापे जाने के औचित्य को अब साफ कर दिया है। कहा है कि नोटबंदी के बाद कैश की समस्या जल्दी निपटाने के लिए ही दो हजार रुपये के नोट पहले छापे गए। ताकि देश में करंसी की कमी जल्दी खत्म हो सके। एचटी लीडरशिप समिट के दौरान जेटली ने यह बात कही।
आबादी बड़ी है तो लाइन तो लगेगी ही
अरुण जेटली से जब बैंक और एटीएम के सामने लाइन लगने पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि जब देश में इतनी बड़ी आबादी है तो फिर लाइन तो लगेगी ही। जेटली ने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया किसी एक दिन की नहीं है, इस नाते आए दिन जरूरत पड़ने पर नियम-कायदे चेंज किए जा रहे हैं। जेटली ने कहा कि हम देश को डिजिटल करेंसी की दिशा में ले जा रहे हैं। देश हमारी उम्मीदों की तुलना में तेजी से बदल रहा है।