नई दिल्ली : लश्कर-ए-तैयबा से लेकर जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन कश्मीर घाटी में पहले से ही सक्रिय हैं। लेकिन अब कश्मीर घाटी में ओसामा बिन लादेन का अलक़ायदा भी पैर पसार चुका है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर घाटी में मारे नए आतंकी अबु दुजाना और आरिफ के फोन कॉल से इस बात का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार लश्कर के कमांडर अबू दुजाना और आरिफ ने मरने से पहले अल-कायदा की कश्मीर सेल अंसार गज़वत-उल-हिंद को जॉइन कर लिया था। घाटी में इस आतंकी संगठन की कमान फिलहाल जाकिर मूसा संभाल रहा है। आतंकी ज़ाकिर मूसा ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि दुजाना और आरिफ कश्मीर घाटी में अल-कायदा के पहले शहीद हैं।
मारे गए आरिफ ने मरने से पहले अपने परिवार से कहा था कि उनकी लाश को पाकिस्तानी झंडे में न लपेटा जाये। 19.6 मिनट के ऑडिओ को मूसा के अनुयायियों ने सीआरटी जेहाद से जुड़े टेलीग्राम और व्हाट्सएप समूह में साझा किया गया है। आतंकी आरिफ ने कहा कि उसे दुजाना 'भाई' से दूर नहीं किया जाए और दुजाना का अंतिम संस्कार पीओके के गिलगित बल्टिस्तान में नहीं बल्कि कश्मीर में ही किया जाए।
आरिफ ने अपने साथियों से यह भी कहा कि पुलवामा के जिस घर में वह छिपे थे उसके मालिक को कोई भी नुकसान न पहुंचाया जाए। इसके बाद आरिफ ने यह कहते हुए अपनी बात खत्म की कि 'हम जाकिर (मूसा) भाई के साथ हैं, हम अल-कायदा के साथ हैं।'
रिपोर्ट के अनुसार दुजाना ने पैसे की कमी के कारण लश्कर को छोड़ा था। क्योंकि वह अपनी पत्नी को कश्मीर से पाकिस्तान ले जाना चाहता था लेकिन उसे लश्कर से पैसे नहीं मिले। 'दुजाना, अल-कायदा के गज़वत-उल-हिंद ग्रुप में जाकिर मूसा के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लीडर था। दुजाना और आरिफ की मौत अलक़ायदा के लिए बड़ा झटका मन जा सकता है।