"जय गणेश, जय हो गणपति की, मंगलमूर्ति, सुजान, प्रथम पूज्य सारे देवों में, श्री गणेश भगवान, एकदंत हैं, दयावंत प्रभु, शिव-गौरी के लाल, विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, सबका सदा करें कल्याण, पूजा करे जो गणना
हे जगवंदन पार्वती नंदनहै आपका वंदन अभिनंदनप्रभु पधारो मेरे घर द्वारमुझ पर कृपा करो तुम अपार।कहलाते प्रभु तुम एक दन्त होआपका नहीं कोई आदि-अंत हैजो मन से है आपको ध्यावेनिर्विघ्न कार्य का फल वो पावे।चंचल