नई दिल्लीः आदमखोर बाघिन का काम तमाम करने के लिए 11 गोलियां मारनी पड़ीं मगर खर्च हो गए एक करोड़। जी हां यह सच है। तीन साल की इस बाघिन को मारने के लिए पूरे 45 तक देहरादून के जिम कार्बेट नेशनल पार्क में ऑपरेशन चलाना पड़ा। जिस पर इतनी भारी-भरकम धनराशि खर्च हुई। बहरहाल अब बाघिन के मारे जाने के बाद पार्क प्रशासन राहत की सांस ले रहा है।
दो लोगों को खा गई थी बाघिन
इस आदमखोर बाघिन के पीछे यूं ही नहीं जिम कार्बेट प्रशासन हाथ धोकर पीछे पड़ा। दरअसल बाघिन ने पार्क से सटे इलाके में दो लोगों को मारकर निवाला बना चुकी थी। वहीं पांच अन्य लोगों पर हमला कर घायल कर दिया था। जिसके बाद बाघिन को मारने के लिए पूरी रणनीति बनी।
बाघिन को खोजने में लिया हेलीकॉप्टर का सहारा
आदमखोर बाघिन को मारने के लिए ग्रामीणों और फॉरेस्ट रेंजर्स की साझा टीम बनी। इसके बाद हेलिकॉप्टर, ड्रोन से तलाश शुरू हुई। गुरुवार को पता चला कि बाघिन रामनगर के जंगली इलाके में टहल रही है। लोकेशन ट्रेस करते हुए वनकर्मियों और गांव वालों की टीम पहुंची और गन्ने के खेत में मौजूद बाघिन को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ गोलियां मारी। 11 गोलियों के बाद बाघिन जमीन पर गिरी और तड़पकर मर गई।
बाघिन का शव लेकर गांव वालों ने खुशी में निकाला जुलूस
जब आदमखोर बाघिन को मारने में टीम सफल रही तो ग्रामीण खुशी से नाच उठे। सिर पर शव को ढोकर जुलूस निकालकर खुशी जताई। वजह कि अब वे निडर होकर जिम कार्बेट पार्क के आसपास इलाके में टहल सकते हैं। नहीं तो लोग शाम होते ही घर में दुबक जाते थे। बाहर निकलते ही कांपते थे।