नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को याद दिलाया कि 33 साल पहले कथित रूप से कांग्रेस के इशारे पर उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर जानलेवा हमला हुआ था। उस वक़्त कांग्रेस यूपी में सत्ता में थी और मुलायम सिंह चरण सिंह के भारतीय लोक दल के नेता थे। आखिर क्या थी वह घटना। मोदी ने जिस घटना का जिक्र किया था, आखिर वह क्या थी।
उस वक़्त मुलायम सिंह उत्तरप्रदेश के लोकतांत्रिक मोर्चा और विधान परिषद् में विपक्ष के नेता थे और 7 मार्च 1984 की रात को उन पर जानलेवा हमला हुआ था। उनकी कार के आगे बाइक चला रहे छोटेलाल नाम के शख़्स की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी और एक अन्य शख्स नेत्रपाल बुरी तरह घायल हो गया था। यह घटना तब हुई जब मुलायम मैनपुरी जिले से इटावा की ओर लौट रहे थे। बताया जाता है कि मुलायम सिंह 2 मार्च से इटावा ज़िले के दौरे पर थे, जहां उनकी सिलसिलेवार रैलियां होनी थीं।
बात 4 मार्च की है जहां उन्हें शाम 5 बजे इटावा और मैनपुरी की सीमा (झिंगपुर गांव) में एक बैठक को संबोधित करना था। इसके बाद उन्हें महिखेड़ा गांव में अपने एक दोस्त से मिलना था। यहां से 9.30 बजे वह मैनपुरी के लिए निकले और फिर तभी ठीक 800 मीटर दूर जाते ही मुलायम सिंह अपनी गाड़ी के आगे गोली की आवाज़ सुनते हैं। मुलायम सिंह यादव के ड्राइवर ने देखा कि गाड़ी के आगे बाइक पर जा रहे लोग गिर गए और इसके तुरंत बाद मुलायम सिंह की गाड़ी में आग लग गई। उनके सुरक्षाबलों ने जवाबी हमला किया और गोलीबारी आधे घंटे तक चली। जब हमलावर शांत हो गए तो पुलिस ने एक सुरक्षा घेरा बनाया और एक जीप में मुलायम सिंह को बैठाकर कुर्रा पुलिस थाने ले गई।
एक प्राइमरी स्कूल में बतौर टीचर काम करने वाले छोटेलाल की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि नेत्रपाल को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह ने जान बचाने वाले उनके सुरक्षाबलों की जमकर तारीफ की थी। कार पर थे 9 गोलियों के निशान: इस हादसे के बाद मुलायम सिंह की गाड़ी पर गोलियों के 9 निशान देखे गए थे। यह उसी तरफ थे, जहां गाड़ी में अकसर मुलायम सिंह बैठते थे। उस वक्त पत्रकारों से बातचीत में मुलायम सिंह बेचैन नजर आए थे। उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए कहा था कि यह उन्हें मारने की साजिश थी और भगवान की कृपा से वह बच गए। पत्रकारों से बातचीत के दौरान करहल से पूर्व विधायक नत्थू सिंह यादव भी मौजूद थे।
कांग्रेस पर था इल्ज़ाम
लोकदल के इटावा जिले के अध्यक्ष महाराज सिंह यादव ने कथित तौर पर राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री बलराम सिंह यादव के समर्थकों पर हमला कराने का आरोप लगाते हुए उन्होनें सत्ताधारी कांग्रेस (आई) पर आरोप लगाया था कि वह अपराधियों के सहारे अपनी राजनीति चलाना चाहते हैं।