Michael Leonidas Dertouzos मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में ग्रीक प्रोफेसर थे | आज Google डूडल के माध्यम से माइकल डर्टौज़ोस की 82 वीं जयंती मना रहा है। माइकल लियोनिडास डर्टौज़ोस एमआईटी (Massachusetts Institute of Technology) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग में ग्रीक प्रोफेसर थे और साथ ही साथ वह 1974 से 2001 तक एमआईटी के कंप्यूटर साइंस लैब (एलसीएस) के निदेशक भी रह चुके है | माइकल का जन्म नवम्बर 5, 1936 को ग्रीस के एथेंस में हुआ था | डर्टौज़ोस के पिता ग्रीक नौसेना में एडमिरल थे | एथेंस कॉलेज से स्नातक करने के बाद डर्टौज़ोस फुलब्राइट छात्रवृत्ति प्राप्त कर आर्कान्सा विश्वविद्यालय चले गए | उन्होंने एमआईटी से पीएचडी की उपाधि अर्जित की और 1968 में एमआईटी फैकल्टी में सामिल हो गये | माइकल का मानना था कि इंटरनेट लोगों के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करने की अपार क्षमता रखता है | डर्टौज़ोस का मानना था कि “We made a big mistake 300 years ago when we separated technology and humanism. ... It's time to put the two back together.” अर्थात 300 वर्ष पूर्व हमने इंसान को तकनीक से अलग किया था, यह हमारी सबसे बड़ी भूल थी… वक़्त आ चूका है मानवता और तकनीक को फिरसे एक साथ वापस लाने का | डर्टौज़ोस के कार्यकाल के दौरान, एलसीएस ने आरएसए एन्क्रिप्शन, स्प्रेडशीट, नुबस, एक्स विंडो सिस्टम और इंटरनेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में अभिनव किया। 1999 में उन्होंने आधुनिक सूचना युग के बारे में कहा था कि “The potential of the modern information age seems overshadowed at every turn by the ancient forces that separate the rich from the poor.” डर्टौज़ोस ने अपनी अंतिम पुस्तक द अनफिनिशड रेवोल्यूशन: ह्यूमन-सेंटर कंप्यूटर्स एंड व्हाट दे कैन डू फॉर अस, डर्टौज़ोस की धारणा टेक्नोलॉजी हमेशा मानवता की पूरी क्षमता को मुक्त करने की क्षमता रखती है पर आधारित थी। 2001 में डर्टौज़ोस ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया | आज माइकल लियोनिडास डर्टौज़ोस के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया |