नई दिल्ली: गुजरात के DGP पी पी पांडेय ने पुलिस विभाग के ख़िलाफ़ एक ऐसा आदेश दे दिया कि लोगों के होश फ़ाक़्ता हो गए हैं। दरअसल DGP पी पी पांडेय ने राज्य के 600 से भी ज्यादा पुलिस थानों से एयर कंडीशनर हटाने के आदेश दिए हैं। डीजीपी के अनुसार, पुलिसकर्मी इस ‘लग्जरी’ के अधिकारी नहीं हैं। आदेश में कहा गया है कि एयर कंडीशनर्स से न सिर्फ बिजली का बिल बढ़ता है, बल्कि भीतर आराम से अधिकारी पैट्रोलिंग या आउटडोर ड्यूटी को नजरअंदाज़ करते हैं।
गुजरात DGP पी पी पांडेय के इस आदेश के अनुसार, गर्मियों में जब पारा 40 डिग्री के पार होगा, तो गुजरात के पुलिसवाले पसीने से नहाएंगे। गुजरात डीजीपी से पहले सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश वर्मा ने पिछले सप्ताह पाया था कि पुलिस थानों में ‘दान’ या स्टाफ द्वारा ‘जुगाड़’ के जरिए एयरकंडीशनर लगा लिए गए हैं। डीजीपी कार्यालय द्वारा 27 मार्च की तारीख में जारी की गई नोटिफिकेशन में सभी पुलिस थानों से 10 दिन के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
डीजीपी दफ़्तर से सर्कुलर निकलते ही थाने दार सख़्ते में आ गए हैं। एक नोटिफिकेशन के ज़रिये डीजीपी दफ़्तर से यह कहा गया है कि कई पुलिस थानों ने जनता द्वारा दान में मिले या अनाधिकारिक रूप से प्राप्त किए गए एसी लगवाए हैं। पुलिस थानों की रैंक को एसी कार्यालय इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है, इसका इस्तेमाल न सिर्फ बिजली का बिल बढ़ाता है बल्कि कई इंचार्ज अपने नॉन-एसी वाहन में आउटडोर ड्यूटी के लिए आराम छोड़ नहीं रहे हैं।”
डीजीपी का आदेश आते ही पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आदेश का पालन किया जाएगा। हालांकि कुछ पुलिसकर्मियों ऐसे भी हैं जिनका तर्क है कि गुजरात जैसे गर्म राज्य में, एयरकंडीशनर लग्जरी नहीं, बल्कि जरूरत हैं। एक इंस्पेक्टर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, ”खासकर मई और जून के महीने में तो बिना कूलिंग सिस्टम के काम करना लगभग अंसभव हो जाता है। इन महीनों में तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।”