
नई दिल्लीः गुजरात सरकार के काम करने के तरीके से केंद्र सरकार खुश नहीं है। यही वजह है कि मोदी सरकार ने गुजरात सरकार की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण इरीगेशन स्कीम (SAUNI) के लिए 6,399 करोड़ रुपये की मांग की गई थी।
केंद्र ने कहा-राज्य खुद करे पैसे की व्यवस्था
केंद्र सरकार के अब इस रुख के बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रॉजेक्ट के लिए खुद से पैसे का इंतजाम करने का फैसला किया है। इस प्रॉजेक्ट की शुरुआती कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपये थी। इस आंकलन के आधार पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजना के तहत 6,399 करोड़ रुपये की मांग की थी।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की माने तो केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार की मांग को तकनीकी आधार पर खारिज किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने प्रॉजेक्ट की व्यवहार्यता (फिजिबिलिटी) पर सवाल उठाया है। मांग को ठुकराए जाने के बाद राज्य सरकार ने इस प्रॉजेक्ट की लागत को संशोधित करते हुए 18 हजार करोड़ रुपये कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार के ‘द सेंट्रल वॉटर कमीशन एक्सटर्नल असिस्टेंस डायरेक्टोरेट’ ने इस प्रॉजेक्ट पर नकारात्मक राय देते हुए इसकी फिजिबिलिटी पर सवाल उठाया था। गुजरात सरकार की ओर से दाखिल डीपीआर (डिटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट) को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें तकनीकी पहलुओं के बारे में नहीं बताया है।
वहीं केंद्र ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि गुजरात सरकार नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी और अन्य संबंधित राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र) से परामर्श करने में नाकाम रही।