कुछ लोगों को भले ही अन्य पेय की अपेक्षा बेल का शरबत कम भाए, लेकिन इसके औषधीय गुण जानने के बाद हर कोई इसका शरबत पीना चाहेगा। बेल फल, कफ़-पित्त और वायु तीनों विकारों को दूर करता है। इसका सेवन भूख बढ़ाता है। यह फल ज्वरनाशक,
वेदनाहर, कृमिनाशक, संग्राही (मल को बाँधकर लाने वाले) व सूजन उतारने वाले
हैं। शरीर के सूक्ष्म
मल का शोषण कर उसे मूत्र के द्वारा बाहर निकाल देते हैं। इससे शरीर की
आभ्यंतर शुद्धि हो जाती है। बेल-फल हृदय व मस्तिष्क को बल प्रदान करता
है।
➧गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शर्बत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर होती है।
➧पुराने से पुराने आँव रोग से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन करें।
➧पके बेल में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया (अतिसार ) रोग में काफी लाभप्रद होता है।
➧पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
➧आँख में दर्द होने पर बेल के पत्त्तों की लुगदी आँख पर बाँधने से काफी आराम मिलता है।
➧इस फल के पत्तों का अर्क पेट के कीड़े दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
➧पके बेल का शर्बत पीने से पेट साफ रहता है।
➧पके बेल के गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से गला साफ़ होता है।
➧गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शर्बत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर होती है।
➧पुराने से पुराने आँव रोग से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन करें।
➧पके बेल में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया (अतिसार ) रोग में काफी लाभप्रद होता है।
➧पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
➧आँख में दर्द होने पर बेल के पत्त्तों की लुगदी आँख पर बाँधने से काफी आराम मिलता है।
➧इस फल के पत्तों का अर्क पेट के कीड़े दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
➧पके बेल का शर्बत पीने से पेट साफ रहता है।
➧पके बेल के गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से गला साफ़ होता है।
➧बेल का शरबत पेशाब सम्बन्धी तमाम दिक्कतों को दूर कर देता है।