कोई अन्य तेल मिलें न मिलें, सरसों का तेल हर घर में आसानी से उपलब्ध रहता है। आयुर्वेद में सरसों के तेल को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे कड़वा तेल के नाम से भी जानते हैं। सरसों के तेल में ऐसे कई गुण हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं। यह किसी औषघि से कम नहीं होता। सरसों का तेल दर्दनाशक होता है जो शरीर में अनेक प्रकार के दर्द से राहत देता है। गाँवों में आज भी छोटी-मोटी चोट या खरोंच लग जाने पर, फोड़े-फुन्सी में इस तेल का प्रयोग किया जाता है।
आइए जानें, किस तरह लाभदायक है सरसों का तेल :
चेहरे की झुर्रियों से बचाव करता है
सरसों के तेल में विटामिन ए, सी और के की अधिक मात्रा होती है जो बढ़ती हुई उम्र से होने वाली झुर्रिंयां यानि रिंकल और निशान आदि को दूर करती है। सरसों का तेल एंटीआक्सीडेंट भी होता है जो त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ने देता। यह त्वचा को अल्ट्रावाइलेट किरणों से भी बचाता है।
दर्द में लाभकारी
सर्दियों में ठंढ की वजह से होने वाले जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल को गुनगुना करके मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है। दर्द चाहे जोड़ों का हो या फिर गठिया का, सरसों के तेल से मालिश करने से सभी तरह के दर्द से मुक्ति मिलती है।
यह भूख बढ़ाता है
दूर-दराज़ के गाँवों में आज भी कितने ही स्कूली बच्चे नमक-तेल चुपड़ी रोटी खाकर दूर तक पैदल ही पढ़ने चले जाते हैं जिनकी भूख दुरुस्त रहती है और साथ ही शारीरिक शक्ति भी। जबकि, शहरी बच्चे अनेक तरह के जंक फ़ूड खाते रहते हैं जिसके कारण उनका पेट अक्सर ख़राब रहता है। जिन लोगों को भूख कम लगती हो, उन्हें सरसों तेल के इस्तेमाल से फायदा मिल सकता है। खाने में सरसों के तेल का प्रयोग भूख बढ़ाता है क्योंकि यह हमारे पेट में ऐपिटाइजर के रूप में काम करता है जिससे भूख बढ़ने लगती है।
कैंसर होने से बचाव करता है
सरसों के तेल में कैंसर को रोकने वाला गुण ग्लुकोजिलोलेट होता है। यह कैंसर के टयूमर व गांठ को शरीर में बनने से रोकता है साथ ही किसी भी तरह के कैंसर को शरीर पर पनपने से रोकता है।
गठिया दर्द में
सरसों के तेल में कपूर को पीसकर मिलाएं। फिर इस तेल से गठिया वाली जगह पर मालिश करें। यह गठिया दर्द में बहुत राहत देता है।
कमर दर्द में
सरसों के तेल में अजवाइन, लहसुन और थोड़ी सी हींग को मिलाकर मालिश करने से कमर के दर्द में बहुत आराम मिलता है।
वजन कम करना
सरसों के तेल में मौजूद विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाते हैं। खान-पान में इस तेल के इस्तेमाल से वजन आसानी से कम होने लगता है।
मलेरिया में
मलेरिया मच्छरों के काटने से होता है। ऐसे में सरसों का तेल रात को सोने से पहले अपने शरीर पर लगाकर सोएं। इस उपाय से मलेरिया के मच्छर नहीं काटते हैं।
अस्थमा की रोकथाम
नियमित रूप से अस्थमा से परेशान लोगों को सरसों का तेल खाने में इस्तेमाल करना चाहिए। सरसों के बीज में मैग्नीशियम अधिक होता है। इसके अतिरिक्त यह तेल सर्दी लग जाने और ब्रेस्ट में होने वाली परेशानियों को दूर करता है।
लंबे बालों के लिए
सरसों के तेल से सिर पर मालिश करने से बाल तेजी से बढ़ते हैं। साथ ही यह खून के सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। सरसों का तेल बालों को पोषण देता है जिससे बाल झड़ने भी कम हो जाते हैं।
बालों के रंग के लिए
भूरे बालों से परेशान लोगों के लिए सरसों का तेल किसी दवा से कम नहीं है। सरसों का तेल नियमित लगाने से भूरे बाल काले होने लगते हैं। रात को सोने से पहले नियमित सरसों का तेल लगाएं। थोड़े ही दिनों में बालों का रंग काला होने लगेगा।
दांत दर्द में
यदि दातों में किसी प्रकार का दर्द हो रहा हो तो सरसों के तेल में नमक मिलाकर रगड़ें। आपको राहत मिलेगी। और दांत भी मजबूत बनेगें।
शरीर की क्षमता को बढ़ाता है
सरसों का तेल शरीर की क्षमता बढ़ाने में एक दवा का काम करता है। शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए और उसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए सरसों के तेल की मालिश के बाद नहाने से त्वचा और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं।
दिल की बीमारियाँ कम करता है
सरसों के तेल का नियमित इस्तेमाल करने से कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ का ख़तरा कम होता है। जिन्हें दिल की बीमारी की समस्या हो वे खाने में सरसों का तेल ज़रूर इस्तेमाल करें।