सूखे हुए अदरक को सौंठ (शुष्ठी) कहते हैं। सौंठ में अदरक के सारे गुण मौजूद होते हैं। सौंठ को अति उत्तम वातनाशक औषधि माना जाता है I यह शरीर में समत्व स्थापित कर जीवनी शक्ति और रोग प्रतिरोधक सामर्थ्य को बढ़ाती है I आइए जानते हैं सोंठ के कुछ औषधीय गुणों के बारे में :
● भोजन से पहले अदरक को चिप्स की तरह बारीक कतर लें। इन चिप्स पर पिसा काला नमक बुरक कर खूब चबा-चबाकर खा लें फिर भोजन करें। इससे अपच दूर होती है, पेट हलका रहता है और भूख खुलती है।
● सौंठ मिलाकर उबाला हुआ पानी पीने से पुराना जुकाम खत्म होता है।
● सौंठ और जायफल को पीसकर पानी में अच्छी तरह मिलाकर छोटे बच्चों को पिलाने से दस्त में आराम मिलता है।
● सौंठ, जीरा और सेंधानमक का चूर्ण ताजा दही के मट्ठे में मिलाकर भोजन के बाद सेवन करने से पुराने अतिसार में बहुत आराम मिलता है I
● सौंठ को पानी या दूध में घिसकर नाक से सूंघने से और लेप करने से आधे सिर के दर्द में लाभ होता है।
● सोंठ, हरड़, बहेड़ा, आंवला और सरसों का काढ़ा बनाकर जोज़ सुबह-शाम कुल्ला करने से मसूढ़ों की सूजन, पीव, खून और दांतों का हिलना बंद हो जाता है। सौंठ को गर्म पानी में पीसकर बनाए हुए लेप से रोजाना दांतों को मलने से दांतों में दर्द नहीं होता और मसूड़े मजबूत होते हैं।
● 10 ग्राम सोंठ और 10 ग्राम अजवायन को 200 मिलीलीटर सरसों के तेल में डालकर आग पर गर्म करें। सोंठ और अजवायन भुनकर जब लाल हो जाए तो तेल को आग से उतार लें। यह तेल सुबह-शाम दोनों घुटनों पर मलने से घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
● गुड़ के साथ 10 ग्राम सोंठ खाने से पीलिया का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
● वृद्धावस्था में पाचन क्रिया कमजोर पड़ने लगती है I वात और कफ का प्रकोप बढ़ने लगता है I हाथ-पैर और शरीर के सभी जोड़ो में दर्द रहने लगता है I सौंठ मिला हुआ दूध पीने से इन तकलीफों से राहत मिलती है I