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होमियोपैथी: अद्भुत उपचार पद्धति

14 दिसम्बर 2015

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होमियोपैथी प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है. इसका आविष्कार सन 1790 में डा० हैनीमैन ने जर्मनी में किया था. डा० हैनीमैन ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति में एम० डी० की उपाधि प्राप्त की थी परन्तु उसके आधुनिक उपचार के तरीकों तथा दुष्प्रभावों के कारण वे विचलित रहते थे. इसलिए चिकित्सा कार्य के स्थान पर उन्होंने अनुवाद करना उचित समझा. एक वैज्ञानिक होने के कारण उन्होंने सिमिलिषा, सिमिलिबस तथा समान द्वारा समान क़ी चिकित्सा के सिद्धांत का आविष्कार किया. इसका नाम उन्होंने होमियोपैथी रखा.


यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज होमियोपैथी के प्रति लोगों की रूचि में उत्तरोत्तर काफी वृद्धि होती जा रही है. शरीर की प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को बाधित करके शरीर में हानिकारक लक्षण उत्पन्न करने वाली दवाओं से आज कितने ही लोग त्रस्त हो चुके हैं. इसलिए उपचार हेतु लोगों का होमियोपैथी की ओर मुड़ना स्वाभाविक है. अब लोग ये बात भलीभाँति समझने लगे हैं कि स्वस्थ रहने के लिए हमें रोग के मूल कारण का निवारण करना चाहिए न कि मात्र उसके लक्षणों का.


शरीर के भीतर उपस्थित जीवनी शक्ति के अनुपालन के कारण शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार के अस्वाभाविक लक्षण तथा बीमारियां प्रकट होती हैं. ऐसे में शक्तिकृत होम्योपैथिक दवाइयाँ रोगी क़ी जीवनी शक्ति को संतुलित कर उसे रोग मुक्त करती हैं. वास्तव में, होमियोपैथी प्रायोगिक कोलॉजिकल फार्मा तथा क्लिनिकल आंकड़ों पर आधारित है. वर्षों से उपचार हेतु होम्योपैथिक दवाओं कि क्षमता का गहन अध्ययन किया जाता रहा है. भारत तथा अन्य कई देशों में होमियोपैथी के क्लिनिकल अध्ययन किये जाते रहे हैं.


होमियोपैथी कि चर्चा करते हुए अक्सर एक रोचक तथ्य कि बात होती है कि 'एलोपैथी' शब्द कि शुरुआत होमियोपैथी के संस्थापक श्री तेजोमैन द्वारा की गई थी, जिसका अर्थ है 'लक्षणों कि चिकित्सा'. यह सत्य तो सर्वविदित है कि होमियोपैथी चिकित्सा रोग के मूल कारणों को नष्ट करती है. अक्सर ऐसा समझा जाता है कि होमियोपैथी अत्यंत धीमी गति से काम करती है, जबकि वास्तविकता ये है कि होमियोपैथी गंभीर मामलों में भी तेज़ गति से काम करती है I संक्रमण, बुखार, डायरिया, ज़ुकाम, खांसी आदि के उपचार हेतु प्रभावशाली ढंग से प्रयोग किया जाता है I


यह एक भ्रान्ति ही है कि होमियोपैथी केवल पुराने जटिल रोगों में ही विशेष रूप से उपयोगी है I अक्सर ऐसा होता है कि जब अन्य कई उपचार असफल हो जाते हैं, तब रोगी होमियोपैथी का सहारा लेता है, और तब तक रोग काफी पुराण और जटिल हो चुका होता है I ऐसे रोगों का इलाज स्वाभाविक रूप से शुरुआत की अपेक्षा अधिक समय लेता है I होमियोपैथी दुर्गटनाग्रस्त एवं गंभीर शल्य-चिकित्सा सम्बन्धी व्याधियों को छोड़कर सभी प्रकार क़ी बीमारियों के उपचार में पूरी तरह से सक्षम है I किन्तु होमियोपैथी टॉन्सिलाइटिस, ट्यूमर सिस्ट, फाइब्रॉइड, प्रोलेप्स ऑफ़ यूटेरस आदि के उपचार में सक्षम है I यह पुराने एवं नए दोनों तरह के रोगों का उपचार करने में सक्षम है ई


होमियोपैथी, बच्चों, महिलाओं तथा वृद्धजनों में समान रूप से असर करती है I यह किसी भी बैक्टीरिआ तथा वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाव में पूरी तरह कारगर है I इसीलिए ये चेचक, पॉक्स, खसरा, कंठमाला आदि क़ी रोकथाम का कार्य करती है I मानसिक एवं स्नायविक बीमारियों में होमियोपैथी दीर्घकालिक प्रभाव करती है क्योंकि इसके उपचार में मानसिक लक्षणों को अधिक महत्व दिया जाता है I महिलाओं के अनेक रोगों के उपचार में होमियोपैथी क़ी सफल एवं प्रभावकारी भूमिका है I होमियोपैथी सभी प्रकार के नशे क़ी लत को छुड़ाने में सक्षम है बशर्ते इलाज धैर्यपूर्वक नियमित रूप से किया जाए.


यह बात अति आवश्यक है कि होमियोपैथी का उपचार यदि किसी रोग के प्रारंभिक लक्षण आभास करते ही किया जाए तो उपचार काफी सरल हो जाता है I इसके इलाज में कुछ चीज़ों का ही परहेज करना होता है जैसे प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, तम्बाकू और अल्कोहल आदि क्योंकि ये पदार्थ होम्योपैथिक दवाओं के कार्य में बाधक होते हैं I डायबिटिक रोगियों का भी इलाज होमियोपैथी दवाओं के द्वारा किया जाता है I चीनी क़ी गोलियों क़ी अल्प मात्रा प्रतिदिन लेने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता I गंभीर मामलों में दवा को पानी में मिलाकर या लेक्सोज़ के साथ लिया जा सकता है I


यह बात ध्यान रखने योग्य है कि रोगी कभी भी ऐसा न करें कि किन्हीं किताबों में पढ़कर नंबर सीरीज़ वाली होमियोपैथी की दवाएं खरीदकर स्वयं इलाज करने लगे, यह हानिकारक भी हो सकता है I होम्योपैथिक दवाइयाँ शरीर पर साइड इफेक्ट तो नहीं डालतीं लेकिन यदि बिना जाने-समझे तथा बिना चिकित्सक की सलाह के ये दवाएं ली जाएँ तो इन दवाओं का प्रयोग हानिकारक हो सकता है I होमियोपैथी एक वैज्ञानिक एवं अत्यधिक परिष्कृत पद्धति है I यह घरेलू चिकित्सा से पूर्णतः भिन्न है इसलिए आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर चिकित्सा करना उचित नहीं. अतः मान्यता प्राप्त डिग्री/ डिप्लोमा धारी एवं प्रशिक्षित चिकित्सकों से ही इलाज कराना चाहिए I दृष्टव्य है की भारत सरकार ने होमियोपैथी को अपनी स्वास्थ्य नीतियों में सम्मिलित कर लिया है तथा इसके प्रचार-प्रसार पर विशष ध्यान दिया जा रहा है और इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं I आज सम्पूर्ण विश्व, संक्रामक और असाध्य दोनों प्रकार के रोगों में होमियोपैथी को वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में प्रयोग कर रहा है I


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रचनाएँ
keepfit
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उत्तम स्वास्थ्य भी आपका धन है I
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गुड़ के हैं कई गुण

14 दिसम्बर 2015
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  सर्दियों की शुरुआत होते ही सर्दी-ज़ुकाम से भी दो-चार होना पड़ता है. छोटी-मोटी व्याधियों के लिए हर इंसान थोड़े-बहुत घरेलू नुस्खे भी आज़माता है . बात सर्दी-ज़ुकाम की हो तो इस मौसम में गुड़ का सेवन किसी औषधि से कम नहीं होता I कितने ही लोग भोजन करने के बाद थोड़ा सा गुड़ ज़रूर खाते हैं I दरअसल, गुड़ भोजन को पचा

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मधुमेह : लक्षण

14 दिसम्बर 2015
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  मधुमेह रोगियों में शूगर लेवल नियंत्रित रखने के लिए 14 नवम्बर 1921 को कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑव टोरंटो के शोधार्थियों फ्रेड्रिक बेटिंग और चार्ल्स बेस्ट ने इन्सुलिन की खोज की थी I उनकी स्मृति में इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने इस दिन को ‘वर्ल्ड डायबिटीज डे’ के रूप में मनाने की घोषणा की I     मधुमेह

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अलग-अलग अमृत बनें, साथ-साथ विष होएँ

14 दिसम्बर 2015
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सर्वविदित है कि संतुलित आहार, स्वास्थ्यकर एवं बलवर्धक माना जाता है. शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यक्षमता बढ़ाने व बनाये रखने के लिए इसकी परम आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं जिनका एक साथ या समान मात्रा में सेवन करना विष-समान माना गया है. आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ 'अष्टांग ह्

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होमियोपैथी: अद्भुत उपचार पद्धति

14 दिसम्बर 2015
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होमियोपैथी प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है. इसका आविष्कार सन 1790 में डा० हैनीमैन ने जर्मनी में किया था. डा० हैनीमैन ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति में एम० डी० की उपाधि प्राप्त की थी परन्तु उसके आधुनिक उपचार के तरीकों तथा दुष्प्रभावों के कारण वे विचलित रहते थे. इसलिए चिकित्सा

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ठंढ का मौसम और जोड़ों का दर्द

15 दिसम्बर 2015
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ठंढ के मौसम में जोड़ों के दर्द की समस्‍या अधिक देखने को मिलती है I इस मौसम में उम्रदराज लोगों को यह समस्‍या बहुत जल्दी प्रभावित करती है I यदि किसी की हड्डियां थोड़ी कमजोर हों  तो सर्दी अधिक प्रभावित करती है।  जैसे-जैसे ठंडक बढ़ती जाती है, जोड़ों की रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती हैं और उस हिस्से में रक्

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मुलेठी : गुणकारी औषधि

24 दिसम्बर 2015
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सर्दी के दिनों में खांसी-ज़ुकाम के साथ गले की ख़रास से भी अक्सर दो-चार होना पड़ता है I अगर देसी दवा से बढ़िया फायदा मिल जाए तो इससे अच्छी और क्या बात होगी I देखने में सूखी लकड़ी जैसी ही होती है ‘मुलेठी’ जिसे चूसने से ही गले की खराश और खांसी-ज़ुकाम में बहुत राहत मिलती है।मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है। यह स्‍

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सोंठ : गुणकारी औषधि

29 दिसम्बर 2015
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सूखे हुए अदरक को सौंठ  (शुष्ठी) कहते हैं। सौंठ में अदरक के सारे गुण मौजूद होते हैं। सौंठ को अति उत्तम वातनाशक औषधि माना जाता है I यह शरीर में समत्व स्थापित कर जीवनी शक्ति और रोग प्रतिरोधक सामर्थ्य को बढ़ाती है I आइए जानते हैं सोंठ के कुछ औषधीय गुणों के बारे में :● भोजन से पहले अदरक को चिप्स की तरह ब

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मेथी के औषधीय गुण

29 दिसम्बर 2015
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मेथी के छोटे-छोटे पीले दाने सख्त और स्वाद में कसैले जरूर होते हैं लेकिन स्वास्थ्य के लिए ये अमृत से कम नहीं होते ।मेथी में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईड्रेट ,कैल्शियम, फास्फोरस और लोहा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है I इसके लगातार सेवन से वात, पित्त और कफ की दिक्कतें दूर होती हैं I मेथी के बीजों में मुख्य

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गर्दन का दर्द और योग-उपचार

8 जनवरी 2016
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  अक्सर ये देखा जाता है कि लोग गर्दन में स्थित रीढ़ की हड्डियों में लंबे समय तक कड़ापन रहने, उनके जोड़ों में घिसावट होने या उनकी नसों के दबने के कारण बेहद तकलीफ से गुज़रते हैं I इस बीमारी को सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस कहा जाता है। इसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में दर्द और तनाव

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कम हो सकता है तनाव

30 जनवरी 2016
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मानसिक तनाव तमाम तरह के डर उत्पन्न करता है I अक्सर हम ऐसी चीज़ों से डरते हैं जिनके होने की आशंका बहुत कम होती है I हमारे अधिकांश डर का कोई आधार नहीं होता I विज्ञान मानता है कि मनुष्य जन्म से ही मात्र दो चीज़ों से डरता है जिनमें एक है आवाज़ और दूसरा ऊँचाई I मनोविज्ञान के बहुत से शोध बताते हैं कि लोग जिन

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टीबी मुक्त भारत के लिए साथ आया निजी क्षेत्र

10 मार्च 2016
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देश से टीबी उन्मूलन के सरकारी अभियान को अब निजी क्षेत्र का भी साथ मिल गया है। आइटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम के साथ ही देश की शीर्ष कंपनियों ने इसमें सहयोग का भरोसा दिलाया है। अब ये कंपनियां टीबी जांच केंद्रों को गोद लेने से लेकर जांच और जागरूकता अभियान चलाने जैसे उपायों के जरिये सरकारी कार्यक्रम में

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सरसों का तेल है औषधि

10 मार्च 2016
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कोई अन्य तेल मिलें न मिलें, सरसों का तेल हर घर में आसानी से उपलब्ध रहता है। आयुर्वेद में सरसों के तेल को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे कड़वा तेल के नाम से भी जानते हैं। सरसों के तेल में ऐसे कई गुण हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं। यह किसी औषघि से कम नहीं होता। सरसों का तेल दर्दनाशक

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ऐसे रखें बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान

10 मार्च 2016
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'जैसा खाओ अन्न, वैसा बने मन' इस कहावत से हम सब परिचित तो हैं लेकिन इसे अमल में लाना बहुत मुश्किल होता है। ख़ासकर बढ़ते बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखना होता है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ उनकी खाने पीने की आदतें भी बदल जाती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बच्चे को खाने में क्या-क्या दिया जाना चाहि

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नीबू एक, लाभ अनेक

14 मार्च 2016
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नीबू बहुत आसानी से उपलब्ध होने वाला औषधीय फल है। इसमें  विटामिन ए, बी और सी की भरपूर मात्रा होती है। नीबू में पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैगनेशियम, तांबा, फास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व तो होते ही हैं, प्रोटीन, वसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन सी से भरपूर नीबू शरीर की रोग प्रतिरो

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खीरा कई रोगों की अचूक दवा

14 मार्च 2016
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गर्मी का मौसम शुरू होते ही खीरा भी अपनी तमाम ख़ासियत लेकर हाज़िर हो जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से खीरा काफी फायदेमंद माना जाता है। यही कारण है कि रसोई में खीरे की अपनी ख़ास जगह है। फिर चाहे सलाद बनाना हो या सौंदर्य निखारना हो, सब्ज़ी की डलिया में खीरा ऊपर ही नज़र आता है। आइये जानते हैं इसके कुछ फ़ायदों 

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कड़कती धूप की तरावट है ककड़ी

15 मार्च 2016
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गर्मियों में कड़की के ख़ास फल हैं- खीरे और ककड़ी। लेकिन यह भी कम ख़ास नहीं कि अन्य फलों की तरह इन साधारण बनस्पतियों के भी फायदे बहुत हैं।  ककड़ी की बेल खूब लम्बी फैलती है और इसके फूल पीले रंग के होते हैं। पानी की मात्रा से भरपूर ककड़ी में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉसफोरस,  विटामिन ए, बी और

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अमृत है गन्ने का ताज़ा रस

31 मार्च 2016
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गर्मी के मौसम में खाना कम और पेय पदार्थों की माँग अधिक हो जाती है। लोग मुसम्मी, अनानास, गाजर और गन्ने आदि के जूस पीना अधिक पसंद करते हैं। इनमें गन्ने के रस की बात ही अलग है। यह अन्य पेय से सस्ता होने के साथ ही बहुत ही सेहतमंद और गुणकारी पेय है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस

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गुणकारी है बेल-फल

31 मार्च 2016
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कुछ लोगों को भले ही अन्य पेय की अपेक्षा बेल का शरबत कम भाए, लेकिन इसके औषधीय गुण जानने के बाद हर कोई इसका शरबत पीना चाहेगा। बेल फल, कफ़-पित्त और वायु तीनों विकारों को दूर करता है। इसका सेवन भूख बढ़ाता है। यह फल ज्वरनाशक, वेदनाहर, कृमिनाशक, संग्राही (मल को बाँधकर लाने वाले) व सूजन उतारने वाले हैं। शरीर

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पार्किंसन रोग : लक्षण और इलाज

11 अप्रैल 2016
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(विश्व पार्किंसंस रोग दिवस पर विशेष)11 अप्रैल को हम वर्ल्ड पार्किंसंस डिज़ीज़ डे के तौर पर भी जानते हैं। आँकड़े बताते हैं कि भारत में पार्किंसन के क़रीब 25 फीसदी मरीज़ 40 साल से कम उम्र के हैं, इसलिए इस रोग के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है।  आमतौर पर पार्किंसन की बीमारी 50 की उम्र से अधिक के लोगों में

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लिवर को दुरुस्त करती है कॉफ़ी

19 अप्रैल 2016
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पेट और लिवर को दुरुस्त रखने के लिए अक्सर जाने क्या-क्या जतन करने पड़ते हैं। फास्ट फूड, कोल्ड डिंक्स भी सोच-समझकर खाने-पीने होते हैं। ऐसे में यदि कोई कहे कि कॉफ़ी पीने से लिवर की बीमारियों से बचा जा सकता है, तो कम से कम इतनी बात तो बड़ी पॉजिटिव लगती है। डॉक्टर की सुनें तो  प्रतिदिन दो से चार कप बिना चीन

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रोग से कम नहीं नकारात्मक सोच

21 अप्रैल 2016
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सफलता की राह में नकारात्मक सोच किसी रोग से कम नहीं I किसी विद्यार्थी को कोई विषय समझ नहीं आता ये एक सामान्य बात है लेकिन ये बात मन में बैठ जाना कि वह विषय तमाम कोशिशों के बाद भी समझ नहीं आएगा, ऐसी धारणा नकारात्मक कहलाएगी I ऐसी सोच व्यक्ति को इतना निराश कर देती है कि सफलता कोसों दूर नज़र आती है I नकार

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शरीर और मन को स्वस्थ रखे योग

21 अप्रैल 2016
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जब कभी योग की बात मन में आती है तो सामान्यतः यह सोच बनती है कि यह तो तपस्वी या गम्भीर व्यक्तित्व के लोगों का क्षेत्र है या हमारा ध्यान आसनों की ओर जाता है परन्तु ऐसा सर्वथा सत्य नहीं है I यों तो योग का शाब्दिक अर्थ है मिलना या जोड़ना, धार्मिक परिपेक्ष्य में आत्मा का परमात्मा से मिलन है परन्तु यदि हम

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मैं जॉन का दिल हूँ

21 अप्रैल 2016
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मूल अंग्रेज़ी लेखक : जे. डी. रै'क्लिफ़ कोई मुझे सुन्दर नहीं कह सकता ! मेरा वज़न क़रीब 340 ग्राम, रंग लाल-कत्थई और शक्ल साधारण है I मैं, जॉन का स्वामिभक्त सेवक, उसका दिल हूँ ! मैं स्नायुओं के सहारे सीने के बीचो-बीच लटका रहता हूँ I मैं लगभग 15 सेमी. लम्बा और वही कोई 10 सेमी. चौड़ा होऊंगा और मेरी शक्ल, दिल

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गर्दन का दर्द और योग उपचार

21 अप्रैल 2016
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गर्दन में स्थित रीढ़ की हड्डियों में लंबे समय तक कड़ापन रहने, उनके जोड़ों में घिसावट होने या उनकी नसों के दबने के कारण बेहद तकलीफ होती है। इस बीमारी को सर्वाईकल स्पौण्डिलाइटिस कहा जाता है। इसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है।आधुनिक चिकित्सा में सर्व

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आयुर्वेद में मधुमेह का इलाज

21 अप्रैल 2016
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भारत में 6 करोड़ से ज्यादा लोग डाइबटीज यानि मधुमेह से पीड़ित हैं I मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। इसमें रक्त ग्लूकोज (blood sugar level ) स्तर बढ़ जाता है, यह रोग मरीजों के रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल अवयव के बढने के कारण होता है। इस रोग में मरीज़ की आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क तथा हृदय के

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हर मौसम में फायदेमंद है तरबूज़

26 अप्रैल 2016
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शायद ही कोई हो जिसे यह पानीदार फल देखकर मुँह में पानी न आ जाए। वाकई, खरबूज़े की तरह तरबूज़ भी बहुत स्वादिष्ट होता है। इसके साथ ही तरबूज़ के फ़ायदे जानकार तो कोई भी इसे ज़रूर खाना चाहेगा। आइए, जानते हैं हमारे ल

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