देश से टीबी उन्मूलन के सरकारी अभियान को अब निजी क्षेत्र का भी साथ मिल गया है। आइटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम के साथ ही देश की शीर्ष कंपनियों ने इसमें सहयोग का भरोसा दिलाया है। अब ये कंपनियां टीबी जांच केंद्रों को गोद लेने से लेकर जांच और जागरूकता अभियान चलाने जैसे उपायों के जरिये सरकारी कार्यक्रम में सहयोग करेंगी ।
स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक में इन कंपनियों ने मंत्रालय के टीबी मुक्त भारत अभियान में खुलकर साथ देने का वादा किया। बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अंशु प्रकाश ने कहा, ‘देश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को सरकार अकेले हासिल नहीं कर सकती। इस काम के लिए सभी को मिल कर कदम बढ़ाना होगा।’ ये कंपनियां अपने कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रमों के तहत विशेष टीबी जांच केंद्रों, झुग्गी बस्तियों, जेलों और एआरटी केंद्रों को गोद लेने के अलावा विभिन्न जिलों में जागरूकता और जांच अभियान चलाने में मदद करेंगी। साथ ही ये अपनी कार्यनीति में बदलाव कर कार्यस्थल पर टीबी के मरीजों के साथ कोई भेदभाव नहीं करने का एलान भी करेंगी। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2035 तक देश में टीबी से होने वाली मौतों को 95 फीसद तक कम करने और टीबी के मामलों को 90 फीसद तक घटाने का लक्ष्य रखा है।
साभार : दैनिक जागरण