गर्मी के मौसम में खाना कम और पेय पदार्थों की माँग अधिक हो जाती है। लोग मुसम्मी, अनानास, गाजर और गन्ने आदि के जूस पीना अधिक पसंद करते हैं। इनमें गन्ने के रस की बात ही अलग है। यह अन्य पेय से सस्ता होने के साथ ही बहुत ही सेहतमंद और गुणकारी पेय है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। गन्ने के रस के ये पोषक तत्व शरीर में खून के बहाव को दुरुस्त रखते हैं। इनसे हड्डियां मजबूत बनती हैं और दांतों की समस्या भी कम होती है। इसमें कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी होती है। प्रोस्टेट और स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर से लड़ने में भी इसे कारगर माना जाता है।
पाचन को ठीक रखता है
गन्ने के रस में पोटैशियम की अधिक मात्रा होने की वजह से यह शरीर के पाचनतंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह रस पाचन सही रखने के साथ-साथ पेट में संक्रमण होने से भी बचाता है. गन्ने का रस कब्ज की समस्या को भी दूर करता है।
ह्रदय रोगों से बचाव
गन्ने का रस दिल की बीमारियों से बचाव करता है . इसका नियमित सेवन धमनियों में फैट नहीं जमने देता जिससे दिल व शरीर के अंगों के बीच खून का बहाव अच्छा रहता है।
वजन कम करने में सहायक
गन्ने का रस शरीर में प्राकृतिक शक्कर पहुंचाकर और खराब कॉलेस्ट्रोल को कम करके वजन कम करने में सहायक होता है। इसके रस में घुलनशील फाइबर होने के कारण वजन संतुलित रहता है।
डायबिटीज का इलाज
गन्ना स्वाद में मीठा और प्राकृतिक शुगर से भरपूर होता है. इसमें कम ग्लाइसीमिक इंडेक्स की वजह से यह मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा होता है।
त्वचा में निखार लाता है
गन्ने के रस त्वचा संबंधित दिक्कतों को दूर कर इसमें कसाव लाता है. कील-मुहांसे और त्वचा के दाग कम करता है. इसके नियमित सेवन से त्वचा नम होती है और झुर्रियां कम हो जाती हैं।
आज के समय में पानी की बोतल भी 15-20 रूपए की मिलती है ऐसे में यदि एक
गिलास गन्ने का रस 10-15 रूपए में मिल जाए तो इससे अच्छी बात और क्या हो
सकती है। गर्मी के दिनों में यह जगह-जगह आसानी से उपलब्ध भी होता है। लेकिन
गन्ने का रस पीते समय कुछ बातें ध्यान देने योग्य होती हैं।
➧सबसे ज़रूरी बात यह है कि स्टाल साफ़-सुथरा होना चाहिए।
➧गन्दी जगहों के पास किसी स्टाल पर जूस नहीं पीना चाहिए।
➧स्टाल पर रखे काँच की गिलास के बजाए अपने गिलास या डिस्पोजल का प्रयोग करें।
➧गन्ने का रस बहुत अधिक ठंडा नहीं होना चाहिए।
➧देर का रखा हुआ रस न पिएं।
➧ध्यान रहे गन्ने का रस निसंदेह फायदेमंद होता है लेकिन स्वच्छ्ता सम्बन्धी लापरवाही उतनी ही नुकसानदेह भी होती है।
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
अपने प्रदेश की बात करूँ तो गन्ने का रस यहाँ का अमृत ही है, यूपी में खूब गन्ने की पैदावार होती है इसलिए यह आसानी से उपलब्ध भी है I मई-जून के महीनों में जगह-जगह इसके स्टाल्स की धूम रहती है !