गोड्डा : ललमटिया एरिया में भोड़ाय कोल माइंस साइट में 70 मजदूर जिंदा दफन हो गए. सभी मजदूरों को मुआवजा न देना पड़े इसलिए मुलाजिमों ने हाजिरी रजिस्टर गायब करवा दी. यह हम नहीं कांग्रेस नेत्री दीपीका पांडेय कह रही हैं.
मुलाजिमों ने हाजिरी रजिस्टर गायब करवा दी
गोड्डा के भोड़ाय कोल माइंस साइट में 30 तारीख की रात मिट्टी धंसने से कई लोग दब गए . इनमें दो दर्जन से अधिक गाडियां मिट्टी में समा गए. रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 13 शव निकाले जा चुक है. वहीं गोड्डा ज़िला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपिका पांडेय सिंह ने इंडिया संवाद को बताया कि भोराय माइंस हादसे में कम से कम 70 मजदूर जिंदा दफन हो गए है . उन्होनें कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और CMD की लापरवाही एवं तानाशाही रवैये से बेमौत काल के मुंह में समा गए है. और सभी मजदूरों को मुआवजा न देना पड़े इसलिए मुलाजिमों ने हाजिरी रजिस्टर गायब करवा दी है. "इस हादसे की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए, जबतक मृतकों की वास्तविक संख्या का पता नहीं चल जाता तबतक के लिए वह आमरण अनशन पर बैठ गई है.''
उत्पाद नहीं होगा तो NTPC को कोयले का सप्लाई बंद हो जाएगा
दपिका ने कहा कि इतनी बड़ी दुःखद दुर्घटना के बाद ईसीएल प्रबंधक खुद के बचाव में मामले को रफ़ा दफा करने पर तुली हूई है. अब तक मात्र 18 लाशें निकाला गया और बाकी लाशों को जीवाश्म बनने के लिए छोड़ दिया गया है. पुनः उस खादान से कोयला निकालने का काम यह कहते हुए शुरू करा दिया गया कि अगर कोयला का उत्पाद नही होगा तो NTPC को कोयले का सप्लाई बंद हो जाएगा. उन्होने बताया कि इस मामले में राज्य सरकार मौन है.
दुर्घटना की CBI द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग
ऐसे में दीपिका पाण्डेय सिंह दुर्घटना के बाद मृतक मजदूरों के परिजन को 20 लाख की मुवाबजा रकम कि मांग कर रही है. साथ ही आउट सोर्सिंग कंपनियों द्वारा काम को नहीं कराने, लोकल बेरोजगारों को काम दिलाने , दुर्घटना की CBI द्वारा उच्च स्तरीय जांच तथा दोषियों पर हो कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर अपने सहयोगियों सहित आमरण अनशन पर बैठ गई है.