नई दिल्ली: राजस्थान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने स्वास्थ के आंकड़े जारी किए हैं। इस सर्वे के मुताबिक राज्य के 2 हजार बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं। सर्वे में बताया गया है कि राजस्थान में 5 वर्ष तक की उम्र के 73 लाख दो हजार 170 बच्चों में से 6 से 59 माह की उम्र के बच्चों में 2.9 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं जबकि 22 हजार बच्चे घातक कुपोषण की स्थिति में हैं। जबकि 22 हजार बच्चे घातक कुपोषण की स्थिति वाले हैं। उन्होंने बताया कि 9 हजार 117 बच्चों को कुपोषण से पूर्णत मुक्त कराया जा चुका है।
और भी बच्चों की हो रही है जांच
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने एक बैठक को सम्बोधित करते हुए बताया कि अभी सरकार और भी बच्चों की जांच कर रही है अभी तक सरकार ने पोषण परियोजना के तहत प्रदेश के 10 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों एवं 3 जनजातीय जिलों के 61 ब्लॉक्स के 584 उपस्वास्थ्य केन्द्रों के एक हजार 574 गांवों में 5 वर्ष तक की आयु के 2 लाख 34 हजार 404 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की है। इस जांच में निर्धारित सामान्य मापदंड के अनुसार नहीं पाये जाने वाले अतिकुपोषित 606 बच्चों को तत्काल कुपोषण उपचार केन् पर रैफर कर उनका उपचार कराया गया।
राजस्थान में उच्च प्राथमिकता वाले 13 जिलों के चयनित 41 ब्लॉक में संचालित किये गये समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम (सीमेम) के बेहतरीन परिणामों को ध्यान में रखते हुए इसे अन्य ब्लॉक्स में भी लागू करने की प्रकिया शुरू की जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने उम्मीद जताई की हालात में सुधार होगा।